भारतीय सेना दुश्मन के किसी भी तरह के हमले का जवाब देने के लिए सक्षम है. रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) ने चांदीपुर से गुरुवार दोपहर निर्देशित पिनाका राकेट का सफलता पूर्वक परीक्षण किया है. इससे पहले पिनाका में गाइड लाइन सिस्टम नहीं था. इसे अब एडवांस गाइड लाइन सिस्टम से लैस किया गया है. इसे लेकर हैदराबाद रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई) ने नौवहन दिशा निर्देशन एवं नियंत्रण कीट विकसित किया है.
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सूत्रों के मुताबिक, इस बदलाव से पिनाका की मारक क्षमता और सटीकता दोनों बढ़ गई है. पहले इसकी मारक क्षमता 40 किलोमीटर थी जो अब बढ़कर 75 किलोमीटर हो गई है. चांदीपुर के रक्षा क्षेत्र में रडार इलेक्ट्रो आप्टिकल सिस्टम, टेलीमेट्री सिस्टम ने पिनाका राकेट के पूरे मार्ग की निगरानी की. पुणे के अमार्टमेंट रिसर्च एण्ड डेवलेपमेंट स्टाबलिसमेंट, आरीसीआई और हैदराबाद के डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलेपमेंट लाब्रोटरी ने मिलकर पिनाका मिसाइल को तैयार किया है.
इस मिसाइल के परीक्षण के समय रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन तथा अंतरिम परीक्षण परिसर (आईटीआर) से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी व वैज्ञानिक दल मौजूद थे. सूत्रों की मानें तो इस माह के अंत तक और कई राकेट व मिसाइल का परीक्षण होने की संभावना है.
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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन तथा रूस के वैज्ञानिकों के मिश्रित प्रयास से निर्मित जमीन से जमीन पर मार करने वाले क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का चांदीपुर आइटीआर के एलसी तीन से सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था. यह प्रक्षेपास्त्र 8.4 मीटर लंबा 0 प्वाइंट 6 मीटर चौड़ा था, इसका वजन 3000 किलोग्राम था. यह प्रक्षेपास्त्र 300 किलोग्राम वजन तक विस्फोटक ढोने तथा 290 किलोमीटर तक मारक क्षमता रखता है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो