PM Narendra modi Oath Ceremony : पीयूष गोयल मोदी कैबिनेट में मंत्री बने. पीएम मोदी के चहेते नेताओं में से एक पीयूष गोयल मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं. मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में पीयूष गोयल संकटमोचन की भूमिका में नजर आए. क्योंकि उन्हें मुश्किल में पड़े जितने भी मंत्रालय सौंपे गए वह उन सभी को उबार ले गए. इसी कारण माना जा रहा है कि पीयूष गोयल मोदी सरकार 2.0 में फिर से मंत्री बन सकते हैं.
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वो सबसे काबिल मंत्रियों में एक रहे हैं. जिस मंत्रालय में मुश्किलें नजर आईं गोयल को उसे संभालने के लिए दे दिया गया. चमत्कारी रूप से गोयल हर बार मंत्रालय को पटरी पर ले आते थे.
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कोयला मंत्री रहते हुए उन्होंने कोयला संकट और कोल ब्लॉक आवंटन जैसे पेचीदा मसलों को हल किया. ऊर्जा मंत्री रहते हुए हर घर तक बिजली पहुंचाने की योजना को उन्होंने पूरा किया. ट्रेन हादसों के बाद जब रेल पटरी से उतरने लगी तो उन्होंने रेल मंत्रालय को भी उबारा.
मोदी सरकार के अंतिम बजट के दौरान जब वित्त मंत्री अरुण जेटली का स्वास्थ्य खराब रहा तो पीयूष गोयल ने उनके मंत्रालय को संभाला. मोदी सरकार-1 का अंतिम बजट पीयूष गोयल ने पेश किया.
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पीयूष गोयल 80 के दशक में बीजेपी के साथ जुड़े. उनके पिता वेद प्रकाश गोयल दो दशक तक बीजेपी के कोषाध्यक्ष रहे. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वेदप्रकाश गोयल जहाजरानी मंत्री बनाए गए. पीयूष गोयल की माता मुंबई से तीन बार विधायक रह चुकी हैं.
पीयूष गोयल ने चार्टेड अकाउंटेंसी की पढ़ाई की है. वो एसबीआई और बैंक ऑफ बड़ौदा के डायरेक्टर पद को संभाल चुके हैं. 2010-14 तक वह पार्टी के कोषाध्यक्ष रहे.
कोयला और ऊर्जा मंत्री में बेहतरीन काम
पीयूष गोयल ने कोयला और ऊर्जा मंत्री रहते हुए शानदार काम किए. कोल ब्लॉक आवंटन में ऑनलाइन प्रणाली से पारदर्शिता आई. बिजली उत्पादन की क्षमता में भी सुधार हुआ. ऊर्जा मंत्री रहते हुए उनके कार्यकाल में 18 हजार गांवों तक बिजली पहुंचाई गई.
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मोदी सरकार इसको अपनी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताती है. इसका श्रेय पीयूष गोयल को ही जाता है. गोयल ने ही LED बल्ब के जरिए ऊर्जा की बचत करने की योजना को सफल बनाया.
इन्वेस्टमेंट बैंकर से लेकर राजनीति तक का सफर
पीयूष गोयल ने चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के एग्जाम में दूसरा रैंक हासिल किया. उन्होंने कमर्शियल बैंक में भारत सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर काम किया. 2001 से 2004 तक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और 2002 से 2004 तक बैंक ऑफ बड़ौदा में सरकार के प्रतिनिधि रहे.
गोयल रक्षा मंत्रालय के फाइनैंस एंड कंसलटेटिव कमिटी की स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य रहे. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वो नदियों को आपस में जोड़ने वाले प्रोजेक्ट के लिए गठित टास्क फोर्स से जुड़े. 2016 में महाराष्ट्र से उन्हें राज्यसभा भेजा गया.
Source : News Nation Bureau