रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ( Russian President Vladimir Putin ) भारत दौरे पर हैं. सोमवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) और पुतिन के बीच द्विपक्षीय (India-Russia relations)वार्ता हुई. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच अफगानिस्तान, भारत-चीन सीमा और निवेश पर बात हुई. भारत-रूस की इस वार्ता को दुनिया के कूटनीतिक और रणनीतिक हलकों में काफी महत्व दिया जा रहा है. इससे पहले दोनों राष्ट्रों के बीच टू प्लस टू बातचीत हुई, जिसमें दोनों ओर से रक्षा और विदेश मंत्रियों में भाग लिया है. इस दौरान चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.
हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति को प्रिय मित्र कहते हुए स्वागत किया. मोदी ने कहा कि, "21वे भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में आपका ह्रदय से बहुत बहुत स्वागत करता हूं, आपके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करता हूं. मैं जानता हूं कि पिछले 2 वर्षों में कोरोना कालखंड़ में यह आपकी दूसरी विदेश यात्रा है. जिस प्रकार से भारत के प्रति आपका लगाव है, आपकी जो निजी प्रतिबद्धता है उसका यह एक प्रकार से प्रतीक है और भारत-रूस संबंधों का कितना महत्व है, वो इससे साफ होता है और इसके लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं."
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की चुनौतियों के बावजूद भारत और रूस के संबंधों की रफ्तार में कोई बदलाव नहीं आया है. हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी निरंतर मजबूत होती गई है. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भी दोनों देशों के बीच बेहतरीन सहयोग रहा है- चाहे वह वैक्सीन परीक्षण और उत्पादन में हो, मानवीय सहायता के लिए हो, या एक दूसरे के नागरिकों की देश वापसी के लिए हो.
पीएम मोदी ने कहा, हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए यह वार्ता कई मायनों में महत्वपूर्ण है. इस वर्ष 1971 की शांति समझौता (Treaty of Peace) मैत्री और सहयोग (Friendship and Cooperation) के पांच दशक और हमारी सामरिक भागीदारी (Strategic Partnership) के दो दशक पूरे हो रहे हैं. इस विशेष वर्ष में आपके साथ फिर मिल पाना मेरे लिए हर्ष की बात है क्योंकि हमारी सामरिक भागीदारी में पिछले 20 वर्षों में जो उल्लेखनीय प्रगति हुई है, उसके मुख्य सूत्रधार आप ही रहे हैं.
दुनिया में हुए बदलाओं की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कई दशकों में वैश्विक स्तर पर कई बुनियादी बदलाव आए हैं . कई तरह के भू-राजनीतिक समीकरण उभरे हैं. किन्तु इन सभी बदलाव के बीच भारत -रूस मित्रता एक स्थिर रही है. दोनों देशों ने न सिर्फ एक दूसरे के साथ निसंकोच सहयोग किया है, एक दूसरे की संवेदना का भी विशेष ध्यान रखा है. यह सचमुच दो देशों की दोस्ती का एक अमोखा और विश्वस्त मॉडल है.
पीएम मोदी ने कहा कि, हमारी सामरिक भागीदारी के लिए भी विशेष है. आज हमारे विदेश एवं रक्षा मंत्रियों के बीच 2+2 डायलॉग की पहली बैठक हुई. इस से हमारे व्यावहारिक सहयोग को बढ़ाने का एक नया मैकेनिज्म शुरू हुआ है.
अफ़ग़ानिस्तान और दूसरे क्षेत्रीय विषयों पर भी हम निरंतर संपर्क में रहे हैं . Eastern Economic forum और Vladivostok summit से शुरू हुई regional partnership आज Russian Far-east और भारत के राज्यों के बीच वास्तविक सहयोग में बदल रही है .
आर्थिक क्षेत्र में भी अपने रिश्तों को और घनिष्ट बनाने के लिए हम एक दूरदृष्टि अपना रहे हैं. हमने 2025 तक 30 billion dollar के trade और 50 billion dollar के निवेश का लक्ष्य रखा है. इन लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए हमें अपनी Business communities को guide करना चाहिए.
विभिन्न सेक्टरों में आज हुए हमारे समझौतों से इसमें मदद मिलेगी. Make in India कार्यक्रम के तहत co-development और co-production से हमारा रक्षा सहयोग और मजबूत हो रहा है. Space और Civil nuclear क्षेत्रों में भी हमारा सहयोग आगे बढ़ रहा है.
पीएम मोदी ने NAM में आब्जर्वर और IORA में dialogue partner बनने के लिए रूस को बहुत-बहुत बधाई देता हूं. इन दोनों मंचों में रूस की उपस्थिति का समर्थन करना हमारे लिए खुशी की बात थी. हर एक क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भारत और रूस का एक जैसा मत है. आज की बैठक में हमें इन पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा.
Source : Punit Pushkar