गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व ( 400th Parkash Purab celebrations of Sri Guru Tegh Bahadur ) के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) लाल किले ( Red Fort ) से देश को संबोधित कर रहे हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि गुरु तेगबहादुर साहब के 400वें प्रकाश पर्व को समर्पित इस भव्य आयोजन में मैं आप सभी का हृदय से स्वागत करता हूं. अभी शबद कीर्तन सुनकर जो शांति मिली, वो शब्दों में अभिव्यक्त करना मुश्किल है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज मुझे गुरू को समर्पित स्मारक डाक टिकट और सिक्के के विमोचन का भी सौभाग्य मिला है. मैं इसे हमारे गुरूओं की विशेष कृपा मानता हूं. इससे पहले 2019 में हमें गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व और 2017 में गुरु गोबिंद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व मनाने का भी अवसर मिला था. मुझे खुशी है कि आज हमारा देश पूरी निष्ठा के साथ हमारे गुरुओं के आदर्शों पर आगे बढ़ रहा है.
I am happy that today our country is moving forward with full devotion on the ideals of our gurus. On this virtuous occasion, I bow at the feet of all ten gurus. Hearty congratulations to all of you on the occasion of Prakash Parv: PM Narendra Modi pic.twitter.com/16Joi1f2ip
— ANI (@ANI) April 21, 2022
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस पुण्य अवसर पर सभी दस गुरुओं के चरणों में नमन करता हूँ. आप सभी को, सभी देशवासियों को और पूरी दुनिया में गुरुवाणी में आस्था रखने वाले सभी लोगों को प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई देता हूं. आजादी के बाद के 75 वर्षों में भारत के कितने ही सपनों की गूंज यहां से प्रतिध्वनित हुई है. इसलिए आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान लाल किले पर हो रहा ये आयोजन बहूत विशेष हो गया है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि ये लालकिला कितने ही अहम कालखण्डों का साक्षी रहा है. इस किले ने गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को भी देखा है और देश के लिए मरने-मिटने वाले लोगों के हौसले को भी परखा है.
Prime Minister Narendra Modi releases a commemorative coin and postage stamp on the occasion of the 400th Parkash Purab celebrations at Red Fort, Delhi. pic.twitter.com/voE4KWRO5Q
— ANI (@ANI) April 21, 2022
पीएम मोदी ने कहा कि सैकड़ों काल की गुलामी से मुक्ति को, भारत की आजादी को, भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा से अलग करके नहीं देखा जा सकता. इसलिए आज देश आजादी के अमृत महोत्सव को और गुरु तेग बहादुर साहिब के 400वें प्रकाश पर्व को एक साथ मना रहा है. गुरु तेग बहादुर जी के अमर बलिदान का प्रतीक गुरुद्वारा शीशगंज साहब भी है. ये पवित्र गुरुद्वारा हमें याद दिलाता है कि हमारी महान संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान कितना बड़ा था.पीएम मोदी ने कहा कि लाल किले के पास गुरु तेकबहादुर के शहादत का गुरुद्वारा है. उस समय धर्म के नाम पर हिंसा की पराकाष्ठा थी. औरंगजेब की आतताई सोच के सामने गुरुतेकबहादुर थे. औरंगजेब हमारी आस्था को हमसे अलग नहीं कर सका. बड़ी बड़ी तूफान शांत हो गए लेकिन भारत खड़ा है. पूरी दुनिया आज भारत की ओर देख रहा है.
पिछले साल हमारी सरकार ने वीर बाल दिवस मनाया. करतारपुर कॉरिडोर को खोला. हम एक तीर्थ सर्किट बना रहे हैं. उत्तराखंड में हम हेमकुंड में रोप वे बना रहे है. अफगानिस्तान में गुरुग्रंथ के साथ साथ लोगों को भी लाए. नागरिकता कानून के माध्यम से भी हमने अफगानिस्तान से आए लोगों को नागरिकता दी. भारत पूरे विश्व के लिए काम करता है. भारत पारंपरिक चिकित्सा को फैलाएगा. भारत वैश्विक द्वंद में भी शांति चाहता है. भारत अपनी सुरक्षा करना जनता है. हमे अपनी पहचान पर गर्व करना है. हमें लोकल पर गर्व करना है. देश के विकास में सबके प्रयास की ज़रूरत है.
Source : News Nation Bureau