भारतीय महिला हॉकी टीम को पीएम मोदी ने फोन किया और खेलों में अच्छे प्रदर्शन के लिए बधाई दी. साथ ही उनका हाल-चाल जाना और टीम को मिली हार से निराश न होने के लिए ढाढस भी बांधा. ओलम्पिक खेलों में अच्छे प्रदर्शन के लिए सालों से पसीना बहा रही महिला हॉकी टीम ने पूरी मेहनत से मैच खेला और मुकाबले को काफी कठिन व रोमांचक बनाए रखा. ये बात और है कि टीम इंडिया को इसमें जीत नहीं मिल सकी, लेकिन उन्होंने बेहतर खेल कौशल का प्रदर्शन किया. इसीलिए पीएम मोदी ने उनकी मेहनत को देखते हुए, उनसे बात की और सांत्वना दी.
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कैसा रहा महिला हॉकी टीम का मुकाबला?
साल 2016 के रियो ओलंपिक में स्वर्ण जीतने वाली ब्रिटिश टीम ने अपने आठवें ओलंपिक में तीसरी बार कांस्य पदक जीता है. अपना तीसरा ओलंपिक खेल रहा भारत एक समय 0-2 से पीछे चल रहा था लेकिन उसने दनादन तीन गोल दागकर हाफ टाइम तक 3-2 की लीड ले ली. लेकिन इसके बाद इंग्लैंड ने लगातार दो गोल दाग मैच अपने पक्ष में कर लिया. इंग्लैंड के लिए एलेना रेयर (16वें मिनट में), सारा राबर्टसन (24वें मिनट में), होली पिएरे (35वें मिनट में) और ग्रेस बॉल्सडन (48वें मिनट में) ने गोल किया जबकि भारत के लिए गुरजीत कौर ने (25वें, 26वें मिनट में) दो गोल किए जबकि वंदना कटारिया ने (29वें मिनट में) एक गोल किया. ब्रिटेन को 12 पेनाल्टी कार्नर मिले, जिसमें से तीन को उसने गोल में बदला. भारत को कुल 8 पेनाल्टी कार्नर मिले, जिनमें से दो में गोल हुए.
पहला क्वार्टर खाली जाने के बाद ब्रिटेन ने दूसरे क्वार्टर में 60 सेकेंड के भीतर गोल करते हुए 1-0 की लीड ले ली. उसके लिए मैच का पहला गोल एलेना रेयर ने किया. यह एक फील्ड गोल था. इस गोल ने मानो ब्रिटिश टीम में जान फूंक दी और उसने 24वें मिनट में एक और गोल कर 2-0 की लीड ले ली. यह गोल सारा राबर्टसन ने किया. यह भी एक फील्ड गोल था. ब्रिटिश टीम हाफटाइम लीड के साथ प्रवेश करती, उससे पहले ही भारत ने एक के बाद एक दनादन तीन गोल कर 3-2 की लीड ले ली.
गुरजीत कौर ने भारत का खाता 25वें मिनट में मिले पेनाल्टी कार्नर पर खोला और फिर उसके एक मिनट बाद एक और गोल कर स्कोर 2-2 कर दिया. भारत ने पेनाल्टी कार्नर पर गुरजीत द्वारा किए गए गोलों की मदद से शानदार वापसी कर ली थी. अब भारतीय टीम उत्साह से भर चुकी थी. उसने मौके बनाने शुरू किए और उसी क्रम में उसे 29वें मिनट में एक शानदार सफलता मिली. वंदना कटारिया ने फील्ड गोल के जरिए भारत को 3-2 से आगे कर दिया. हाफ टाइम तक भारत 3-2 से आगे था. हाफ टाइम की सीटी बजने के पांच मिनट बाद ही ब्रिटेन ने गोल कर स्कोर 3-3 कर दिया. यह गोल कप्तान होली पिएरे ने किया. तीसरे क्वार्टर में भारतीय टीम कोई गोल नहीं कर सकी.
चौथा और अंतिम क्वार्टर जब शुरु हुआ तो मैच का रोमांच चरण पर था. दोनों टीमों के पास मेडल पाने के लिए अंतिम 15 मिनट थे. इस क्रम में हालांकि ब्रिटेन को सफलता मिल गई. 48वें मिनट में उसने पेनाल्टी कार्नर पर गोल कर 4-3 की लीड ले ली. यह गोल ग्रेस बॉल्सडन ने किया. भारत की महिला टीम के लिए यह ओलंपिक में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन कहा जा सकता है. दुनिया की नौवें नम्बर की भारतीय टीम तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए दुनिया की नम्बर-2 आस्ट्रेलिया को हराकर पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची थी. हालांकि सेमीफाइनल में टीम को हार मिली.
यह भारतीय महिला हॉकी टीम का तीसरा ओलंपिक था. मास्को (1980) के 36 साल के बाद उसने रियो ओलंपिक (2016) के लिए क्वालीफाई किया था. भारत अंतिम रूप से चौथे स्थान पर रहा था लेकिन उस साल बहिष्कार के कारण सिर्फ छह टीमों ने ओलंपिक में हिस्सा लिया था. इसके बाद भारत ने 2016 के रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया लेकिन वह 12 टीमों के टूर्नामेंट में अंतिम स्थान पर रही थी. भारत को पूल स्तर पर पांच मैचों में सिर्फ एक ड्रॉ नसीब हुआ था.
HIGHLIGHTS
- भारतीय महिला हॉकी टीम को पीएम मोदी ने फोन किया
- फोन पर खिलाड़ियों का हाल-चाल लिया
- खिलाड़ियों के कठिन परिश्रम के लिए दी बधाई, बांधा ढांढस