हाल के दिनों में दिल्ली और एनसीआर के इलाक़ों मे वायु की गुणवत्ता बेहद ख़राब होती जा रही है. औद्योगिक कल कारखानों, सड़क पर बढ़ते वाहनों की संख्या के अलावा पंजाब में किसानों द्वारा पराली जलाने की समस्या को इसकी प्रमुख वजह मानी जा रही है. पीएम मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के 49वें भाग में पराली की समस्या को लेकर किसानों से अपील की है कि वो इसे जलाने के बजाए, जुताई के दौरान खेत में ही मिलवा दें. जिससे मिट्टी की ऊर्वरा शक्ति भी बढ़े और वायु प्रदूषण भी न हो.
पीएम मोदी ने पंजाब के एक गांव का ज़िक्र करते हुए कहा, 'पंजाब का एक गांव कल्लर माजरा इसलिए चर्चित हुआ है क्योंकि वहां के लोग धान की पराली जलाने की बजाय उसे जोतकर उसी मिट्टी में मिला देते हैं. कल्लर माजरा और उन सभी जगहों के लोगों को बधाई जो वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए अपना श्रेष्ठ प्रयास कर रहें हैं.'
पीएम मोदी ने पंजाब के किसान भाई गुरबचन सिंह के बेटे की शादी में लड़की के परिवार से खेत में पराली न जलाने का वचन लेने की बात को सराहा और कहा कि श्रीमान् गुरबचन सिंह जी के परिवार ने पर्यावरण को बचाने की एक मिसाल हमारे सामने रखी है.
वहीं पेड़-पौधे लगाए जाने की महत्ता पर बल देते हुए पीएम ने कहा, 'हमारे सबसे पहले स्वतंत्र सेनानियों में आदिवासी समुदाय के लोग ही थे. भगवान बिरसा मुंडा, जिन्होंने अपनी वन्य भूमि की रक्षा के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ़ कड़ा संघर्ष किया, उनको हम आज भी याद करते हैं.'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज सारा विश्व पर्यावरण संरक्षण की चर्चा कर रहे हैं और संतुलित जीवनशैली के लिए नए रास्ते ढूंढ रहे हैं. प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर के रहना हमारे आदिवासी समुदायों की संस्कृति में शामिल रहा है. हमारे आदिवासी भाई-बहन पेड़-पौधों और फूलों की पूजा देवी-देवताओं की तरह करते हैं.
बता दें कि शनिवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने घोषणा की है कि वायु प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने वालों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा.
डॉ. हर्षवर्धन ने चेतावनी के लहजे में कहा, समीर एप (प्रदूषण का एप) पर अपलोड की गई शिकायत को दूर करने के लिए सरकारी एजेंसियों ने अगर सख्ती से काम नहीं किया तो पहले 48 घंटे की चेतावनी दी जाएगी. फिर भी अगर ठोस प्रयास नहीं किए तो आपराधिक मामला दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी.'
उन्होंने बताया कि हवा की गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार नहीं होने पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सुझाव पर यह फ़ैसला किया गया है.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण रोकने के उपाय के लिए बनाई गई टीमों की बैठक के बाद यह फैसला लिया है. बैठक में बताया गया कि ज्यादातर एजेंसियां प्रदूषण पर लगाम लगाने के उपायों पर गंभीरता से अमल नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि अब 41 की बजाय केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की 50 टीमें हर शहर पर नजर रखेगी और नियमों का पालन न कराने वाली एजेंसी के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करेगी.
इस बार भी तमाम घोषणाओं के बावजूद ठंड बढ़ने के साथ ही दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण बढ़ने लगा है. उन्होंने बताया कि ये टीमें हफ्ते में कम से कम पांच दिन हर शहर का औचक निरीक्षण करेंगी और जरूरत पड़ने पर सख्त कार्रवाई करेंगी.
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हर्षवर्धन ने कहा, 'एजेंसी या उसके अफसर कितने भी पावरफुल हों अगर निर्देशों का पालन नहीं किया तो उनके ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई होगी.
Source : News Nation Bureau