पीएम नरेंद्र मोदी ने द्वितीय विश्व युद्ध के 75वें विजय दिवस के मौके पर रूस को बधाई दी है. पीएम मोदी ने गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बात की और उन्हें द्वितीय विश्व युद्ध में जीत की 75 वीं वर्षगांठ समारोह और रूस में संवैधानिक संशोधनों पर वोट के सफल समापन के लिए बधाई दी है. पीएम मोदी ने कहा कि इस मौके पर भारत आज रूस के साथ खड़ा है. उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हजारों भारतीय सैनिकों के बलिदान को भी याद किया.
PM Modi spoke on phone with Russian President Vladimir Putin today and congratulated him on the success of the 75th anniversary celebrations of the victory in the Second World War, and also for successful completion of the vote on constitutional amendments in Russia.
— ANI (@ANI) July 2, 2020
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इसके पहले 9 मई को पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को द्वितीय विश्वयुद्ध में जीत के 75वें विजय दिवस की बधाई देते हुए ट्वीट किया था कि, '75वें विजय दिवस पर भारत रूस के साथ खड़ा है। द्वितीय विश्व युद्ध में हजारों भारतीय सैनिकों ने भी बलिदान दिया था. राष्ट्रपति पुतिन और रूस के लोगों को इस मौके पर मेरी शुभकामनाएं.'
India stands with Russia in solemn remembrance today, on the 75th Anniversary of Victory Day. Tens of thousands of Indian soldiers also made the supreme sacrifice in the Second World War. My warm greetings to President Putin and the Russian people on this occasion. @KremlinRussia
— Narendra Modi (@narendramodi) May 9, 2020
वहीं 24 जून को ऐतिहासिक लाल चौक पर आयोजित 75वें विजय दिवास के मौके पर भारतीय सेना के तीनों अंगों की 75 सदस्यीय टुकड़ी रूस के 75वें विजय दिवस परेड में हिस्सा लेने पहुंची थी जिसके बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया था कि उनकी सेना का इस विजय दिवस परेड में हिस्सा लेना उनके लिए बड़े गौरव की बात है. सिंह 75वीं विजय दिवस परेड में शामिल होने के लिए रूसी रक्षा मंत्रालय के निमंत्रण पर तीन दिवसीय यात्रा पर वहां पहुंचे थे. राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया था, ‘मुझे गर्व है कि भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों अंगों की एक टुकड़ी भी इस परेड में शामिल हो रही है.’
भारतीय जवानों का इस परेड में हिस्सा लेना गौरवपूर्ण
राजनाथ सिंह ने आगे ट्वीट किया कि, ‘मास्को में विजय दिवस परेड पर भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं की टुकड़ी की शानदार उपस्थिति मेरे लिए अत्यंत गर्व एवं प्रसन्नता की बात है.’ भारतीय दूतावास ने बाद में ट्वीट किया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ रक्षा सचिव अजय कुमार, वाइस एडमिरल हरि कुमार और राजदूत डी. बी. वेंकटेश भी थे. आधिकारिक बयान के अनुसार, भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों अंगों की 75 सदस्यीय टुकड़ी ने रूसी सशस्त्र बलों और 17 देशों की सैन्य टुकड़ियों के साथ इस परेड में हिस्सा लिया था. बयान के अनुसार, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश भारतीय सशस्त्र बल मित्र राष्ट्र की सेना का सबसे बड़ा हिस्सा थे और उन्होंने उत्तरी और पूर्वी अफ्रीका के अभियानों, पश्चिमी रेगिस्तान के अभियानों और बड़ी ताकतों का सामना किया था.
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द्वितीय विश्वयुद्ध में 87000 से ज्यादा भारतीय सैनिक शहीद हुए थे
इन अभियानों में 87,000 से ज्यादा भारतीय सैनिक शहीद हुए थे और 34,354 घायल हुए थे। बयान में कहा गया है कि भारतीय सैनिकों ने ना सिर्फ सभी मोर्चों पर लड़ाई की बल्कि तमाम अन्य मार्चों पर लड़ रहे सैनिकों को रसद, हथियार, गोला-बारुद, पहुंचाया, उन्होंने सोविधत संघ, ईरान और इराक तक रसद पहुंचायी. सिंह ने मंगलवार को रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव के साथ मुलाकात की और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों एवं क्षेत्रीय मामलों पर चर्चा की और भारत एवं रूस के बीच रक्षा सहयोग की समीक्षा की. मंगलवार को एक बयान में कहा गया कि राजनाथ सिंह ने 75वें विजय दिवस के लिए रूस को शुभकामनाएं दीं तथा रूस और भारत की साझी सुरक्षा के लिए योगदान देने वाले रूस के मित्रवत लोगों, विशेषकर सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों को बधाई दी.
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परेड को देखने के लिए कई देशों के अतिथियों ने लिया था हिस्सा
परेड को देखने वालों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, युद्ध में भाग ले चुके पूर्व सैनिक और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित तमाम अन्य अतिथि शामिल थे. स्पूतनिक इंटरनेशनल की खबर के अनुसार, इस साल परेड में 14,000 सैनिकों और सैकड़ों रक्षा मशीनों तथा उपकरणों ने हिस्सा लिया जिनमें 30 ऐतिहासिक टी-34टैंक भी शामिल थे. आधुनिक वाहनों ने भी इसमें हिस्सा लिया जिनमें एएफवी टर्मिनेटर, टी-72 और टी-14 अरमाता टैंक, 9के720 इस्कंदर मिसाइल प्रणाली और अन्य अत्याधुनिक तकनीक वाले सैन्य उपकरण शामिल हैं. खबर के अनुसार, परेड में विमानों और हेलीकॉप्टरों ने भी हिस्सा लिया और एसयू-25 ने पूरे आसमान को सफेद, नीले और लाल (रूस के राष्ट्रीय ध्वज) रंग में रंग दिया. राष्ट्रपति पुतिन ने सेना और अतिथियों को बधाई देते हुए कहा कि इस विजय ने धरती का भविष्य तय किया था. रूस ने नौ मई को लाल चौक पर होने वाली सैन्य परेड को कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण पहले स्थगित कर दिया था.
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पुतिन ने कहा था विजय दिवस परेड 24 जून को लाल चौक पर होगी आयोजित
राष्ट्रपति पुतिन ने 26 मई को कहा था कि विजय दिवस परेड मास्को के लाल चौक पर 24 जून को आयोजित होगी. उन्होंने बताया था कि 24 जून को इसलिए चुना गया है क्योंकि इसी दिन 1945 में ऐतिहासिक विजय परेड हुयी थी और मास्को के लिए लड़ने और लेनिनग्राद की सुरक्षा करने वाले, स्टालिनग्राद में अपने मोर्चे पर डटे रहने वाले और बर्लिन को रौंद कर यूरोप को आजाद कराने वाले सैनिकों ने लाल चौक पर मार्च किया था. कोविड-19 महामारी के मद्देनजर चार महीने तक यात्रा पर लगे प्रतिबंधों के बाद देश के किसी वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री की यह पहली विदेश यात्रा है.
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9 मई को व्लादिमीर पुतिन जीत की 75वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में हुए थे शामिल
आपको बता दें कि 9 मई को रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी की हार की वर्षगांठ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस बार समारोह का रंग कोरोना वायरस महामारी की वजह से थोड़ा सा फीका रहा. पुतिन ने शनिवार को क्रेमलिन के बाहर अज्ञात सैनिक की कब्र पर फूल चढ़ाए थे और युद्ध के दौरान सोवियत सेना के साहस और कुर्बानियों के सम्मान में एक संक्षिप्त भाषण दिया था. विजय दिवस रूस का सबसे महत्वपूर्ण अवकाश है और इस बार के आयोजन के और भव्य होने की उम्मीद थी क्योंकि यह जीत की 75वीं वर्षगांठ है लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के प्रयासों के तहत लाल चौक पर होने वाली भव्य परेड और लोगों के जुलूस का आयोजन रद्द कर दिया गया.