गुजरात के ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर से जुड़ा आज अहम दिन रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सोमनाथ मंदिर से जुड़े कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सोमनाथ मंदिर से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन और शिलान्यास किया. पीएम मोदी ने कहा कि मैं खुद को बहुत ही सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं कि मुझे सोमनाथ से जुड़े प्रोजेक्ट्स को शुरू करने का मौका मिला. कार्यक्रम में अमित शाह, सीएम विजय रुपाणी, लाल कृष्ण आडवाणी भी मौजूद थे. गुजरात के सीएम विजय रुपाणी ने पीएम मोदी का अभिवादन किया. अमित शाह ने इस मौके पर कहा कि सोमनाथ मंदिर को जितनी बार तोड़ा गया उतनी मजबूती से उठ खड़ा हुआ. वहीं पीएम मोदी ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए सोमनाथ को ऐतिहासिक मंदिर बताया. उन्होंने कहा कि आस्था को आतंक से कुचला नहीं जा सकता है. सोमनाथ मंदिर इसका उदाहरण है.
पीएम मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि सोमनाथ मंदिर ट्रेस्ट के अध्यक्ष के रूप में मुझे इस पुण्य स्थान की सेवा का अवसर मिलता रहा है. आज फिर हम सब इस पवित्र तीर्थ के कायाकल्प के साक्षी बन रहे हैं. आज मुझे समुद्र दर्शन पथ, सोमनाथ प्रदर्शन गैलरी और जीर्णोद्धार के बाद नए स्वरूप में जूना सोमनाथ मंदिर के लोकार्पण का सौभाग्य मिला है. साथ ही आज पार्वती माता मंदिर का शिलान्यास भी हुआ.
Prime Minister Narendra Modi lays the foundation stone of multiple projects in Somnath, Gujarat via video conferencing.
The projects include Somnath Promenade, Somnath Exhibition Centre, Parvati Temple and reconstructed temple precinct of Old (Juna) Somnath pic.twitter.com/Tcvx3XTmjm
— ANI (@ANI) August 20, 2021
लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर को मेरा प्रणाम
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज मैं, लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर को भी प्रणाम करता हूँ जिन्होंने विश्वनाथ से लेकर सोमनाथ तक, कितने ही मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया. प्राचीनता और आधुनिकता का जो संगम उनके जीवन में था, आज देश उसे अपना आदर्श मानकर आगे बढ़ रहा है.
रोजगार की बढ़ेगी संभावना
उन्होंने आगे कहा कि सोमनाथ आने वाले श्रद्धालु अब यहां जूना सोमनाथ मंदिर के भी आकर्षक स्वरूप का दर्शन करेंगे, नए पार्वती मंदिर का दर्शन भी करेंगे. इससे यहां नए अवसरों और नए रोजगारों का भी सृजन होगा और स्थान की दिव्यता भी बढ़ेगी.
शिव संहार में भी सृजन को जन्म देते हैं
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि ये शिव ही हैं जो विनाश में भी विकास का बीज अंकुरित करते हैं, संहार में भी सृजन को जन्म देते हैं. इसलिए शिव अविनाशी हैं, अव्यक्त हैं और अनादि हैं. शिव में हमारी आस्था हमें समय की सीमाओं से परे हमारे अस्तित्व का बोध कराती है.
सोमनाथ मंदिर को कई बार गिराया गया, फिर उठ खड़ा हुआ
उन्होंने आगे कहा कि ये ऐसा स्थल है जिसे हजारों साल पहले हमारे ऋषियों ने ज्ञान का क्षेत्र बताया था. जो आज भी पूरे विश्व के सामने आह्वान कर रहा है कि सत्य को असत्य से हराया नहीं जा सकता, आस्था को आतंक से कुचला नहीं जा सकता. इस मंदिर को सैकड़ों सालों के इतिहास में कितनी ही बार तोड़ा गया, यहां की मूर्तियों को खंडित किया गया, इसका अस्तित्व मिटाने की हर कोशिश की गई. लेकिन इसे जितनी भी बार गिराया गया, ये उतनी ही बार उठ खड़ा हुआ.
सबका साथ- सबका विकास - सबका विश्वास और सबका प्रयास आस्था का मूल भाव है
पीएम ने आगे कहा कि आज राम मंदिर के रूप में नए भारत के गौरव का एक प्रकाशित स्तम्भ भी खड़ा हो रहा है. हमारी सोच होनी चाहिए इतिहास से सीखकर वर्तमान को सुधारने की, एक नया भविष्य बनाने की.हमारे लिए इतिहास और आस्था का मूल भाव है सबका साथ- सबका विकास - सबका विश्वास और सबका प्रयास. हमारे यहां जिन द्वादश ज्योतिर्लिंगों की स्थापना की गई है, उनकी शुरुआत सोमनाथ मंदिर से ही होती है.
12 ज्योतिर्लिंग पूरे भारत को आपस में पिरोते हैं
पश्चिम में सोमनाथ और नागेश्वर से लेकर पूरब में बैद्यनाथ तक, उत्तर में बाबा केदारनाथ से लेकर दक्षिण में भारत के अंतिम छोर पर विराजमान श्री रामेश्वर तक, ये 12 ज्योतिर्लिंग पूरे भारत को आपस में पिरोने का काम करते हैं.
एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना की ही अभिव्यक्ति है
उन्होंने आगे कहा कि इसी तरह, हमारे चार धामों की व्यवस्था, हमारे शक्तिपीठों की संकल्पना, हमारे अलग अलग कोनों में अलग-अलग तीर्थों की स्थापना, हमारी आस्था की ये रूपरेखा वास्तव में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना की ही अभिव्यक्ति है.
पर्यटन रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
हमारा पर्यटन विभाग स्वदेश दर्शन कार्यक्रम के तहत 15 विभिन्न विषयों पर आधारित पर्यटन सर्किट विकसित कर रहा है. ये सर्किट पूरे क्षेत्रों में पर्यटन और रोजगार के अवसरों के विकास में मदद करेंगे.
आज देश में अपनों से दूरियां सिमट रही हैं
पीएम मोदी ने आगे कहा कि बाबा केदारनाथ का विकास हो या उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए कठिन पहाड़ों में टनल व हाइवे का निर्माण हो, वैष्णो देवी मंदिर के आसपास विकास हो, या पूर्वोत्तर तक पहुंच रहा हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर, आज देश में अपनों से दूरियां सिमट रही हैं. भारत ने 120 पर्वत चोटियों को ट्रेकिंग के लिए खोल दिया है. पर्यटकों को परेशानी मुक्त अनुभव सुनिश्चित करने के लिए गाइडों को प्रशिक्षित करने के कार्यक्रम शुरू किए गए हैं. इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं.
Source : News Nation Bureau