जम्मू कश्मीर से धारा-370 खत्म करने को दो साल पूरे हो चुके हैं. अब जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने और पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर बहस शुरू हो चुकी है. चुनाव आयोग एक तरफ परिसीमन की तैयारी कर रहा है तो दूसरी तरफ केंद्र की मोदी सरकार ने भी जनता से सीधे संवाद को कोशिशें शुरू कर दी हैं. जल्दी ही 70 केंद्रीय मंत्री 10 सितंबर से जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से सभी केंद्रीय मंत्रियों को स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं कि उन्हें दूर-दराज के इलाकों में जाकर जनता से सीधे संपर्क साधना है.
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पीएम मोदी ने केंद्रीय मंत्रियों को जनता के परेशानियों को समझने और उन्हें दूर करने के कदम उठाने को कहा है. पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर के लिए केंद्र की योजनाओं, उनके पूरा होने के समय और लोगों अन्य विकास योजनाओं की समीक्षा के भी निर्देश दिए हैं. केंद्रीय मंत्रियों के यह दौर करीब दो महीने तक चलेंगे. इस बारे में बीजेपी नेता रविंद्र रैना ने बताया कि पीएम मोदी की ओर से 9 सप्ताह का समय दिया गया है. दूर-दराज के इलाकों में जनता दरबार का आयोजन किया जाएगा. सभी वहां पर पहुंच विकास कार्य की भी समीक्षा करेंगे. हो सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी भी घाटी का दौरा कर लें.
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पहले 36 मंत्रियों ने किया था दौरा
इससे पहले जनवरी 2020 में भी 36 केंद्रीय मंत्रियों की टीम ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था. तब मंत्रियों ने सीधे जनता के बीच जाकर उनकी परेशानियों को समझा था. वहीं केंद्र सर्वदलीय बैठक में बातचीत से भी घाटी के हालात और बेहतर स्थिति बनाने के लिए प्रयास कर रहा है. केंद्र की कोशिश है कि तमाम योजनाओं का वहां की जनता को सीधा लाभ मिले. केंद्र सरकार की इस पहल के मायने इसलिए भी बढ़ जाते हैं क्योंकि अब जल्द जम्मू-कश्मीर में चुनाव भी करवाए जा सकते हैं. परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस पर कोई बड़ा फैसला होता दिख सकता है.
HIGHLIGHTS
- जनता से सीधा संपर्क साधना मिशन
- जल्द चुनाव कराने की कोशिश
- विकास कार्यों की भी होगी समीक्षा