प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मणिपुर दौरे के दौरान आठ परियोजनाओं का उद्घाटन किया. उन्होंने चार अन्य परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी, जिनका निर्माण 1,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जाएगा. कुछ विद्रोही संगठनों द्वारा किए गए बहिष्कार के आह्वान के बावजूद, हाप्टा कांगजीबंग में भारी भीड़ जुटी, जहां मोदी ने एक सार्वजनिक सभा को संबोधित किया. मोदी ने कहा कि ज्यादातर परियोजनाओं में पिछली कांग्रेस सरकार ने देरी की, जिससे अधिक धन बर्बाद हुआ. उन्होंने कहा, "अगर परियोजनाएं बिना देरी के पूरी हो जातीं, तो लोगों को फायदा होता."
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं की शुरुआत की गई है और जिरीबाम-तुपुल रेल लाइन का निर्माण प्रगति पर है. उन्होंने कहा कि मणिपुर में 18,000 दूरदराज के गांवों को बिजली दी गई है. मोदी ने सभी क्षेत्रों में सबसे आगे रहने के लिए मणिपुरी महिलाओं की प्रशंसा की. उन्होंने याद किया कि किस तरह मुक्केबाज मैरी कॉम ने भारत के लिए प्रसिद्धि हासिल की है.
उन्होंने कहा, "यह मणिपुर के शानदार खिलाड़ियों की सराहना में है कि मणिपुर में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय खोला गया." प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली अब पूर्वोत्तर क्षेत्र के करीब है. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री के रूप में, मैंने 30 बार क्षेत्र का दौरा किया है."
उन्होंने कहा कि मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह में एकीकृत जांच चौकी से भारत और म्यांमार दोनों के लोगों को व्यापार और पर्यटन में लाभ होगा. मोदी अपनी यात्रा के विरोध में भूमिगत संगठनों द्वारा आहूत बंद और बहिष्कार के बीच इम्फाल पहुंचे.
बंद के दौरान आम जनजीवन प्रभावित रहा. सभी दुकानें, वाणिज्यिक संस्थान, स्कूल और कॉलेज बंद रहे.
Source : IANS