कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यसी) की सोमवार को होने वाली बैठक से पूर्व पार्टी के अंदर विभिन्न स्वर उभरने लगे हैं. जहां वर्तमान सांसदों और पूर्व मंत्रियों के एक वर्ग ने सामूहिक नेतृत्व की मांग की है, वहीं एक दूसरे वर्ग ने राहुल गांधी की पार्टी अध्यक्ष के रूप में वापसी की पुरजोर वकालत की है. कुछ पूर्व मंत्रियों समेत दो दर्जन कांग्रेस नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से संगठन में बड़े बदलाव की मांग करते हुए उन्हें पत्र लिखा है, वहीं, राहुल के करीबी कुछ नेताओं ने सीडब्ल्यूसी को पार्टी प्रमुख के रूप में उनकी वापसी के लिए पत्र लिखा है.
समझा जाता है कि पूर्व मंत्रियों और कुछ सांसदों ने कुछ सप्ताह पहले यह पत्र लिखा, जिसके बाद सीडब्ल्यूसी की बैठक के हंगामेदार रहने के आसार हैं. बैठक में असंतुष्ट नेताओं द्वारा उठाये गये मुद्दों पर चर्चा और बहस होने की संभावना है. वहीं इसी बीच राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के लिए असम के कांग्रेस अध्यक्ष ने बड़ा बयान दिया है. असम कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा कि मैने सोनिया गांधी से अपील की है कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाया जाए. क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी राहुल गांधी से डरते हैं.
In an earlier video conference meeting with Congress president Sonia Gandhi & Rajya Sabha MPs, I categorically appealed to Sonia Gandhi to give the leadership of Congress party to Rahul Gandhi as Narendra Modi is scared of Rahul Gandhi only: Assam Congress President Ripun Bora pic.twitter.com/wneTs95gv8
— ANI (@ANI) August 23, 2020
कांग्रेस में सामूहिक नेतृत्व की दलीलें पेश करने वाले वर्ग का विरोध भी शुरू हो गया है और पार्टी के सांसद मणिकम टैगोर ने राहुल गांधी की पार्टी अध्यक्ष के रूप में वापसी की मांग की है. टैगोर ने सीडब्ल्यूसी के 2019 के निर्णय का हवाला देते हुए कहा, ‘‘ गांधी बलिदान के प्रतीक हैं. कांग्रेस सीडब्ल्यूसी का निर्णय बहुमत का फैसला था, जो एआईसीसी के 1100, प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के 8800 सदस्यों, पांच करोड़ कार्यकर्ताओं और 12 करोड़ समर्थकों की इच्छा का परिचायक था और ये लोग राहुल गांधी को अपने नेता के रूप में चाहते हैं.’’
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सीडब्ल्यूसी ने 2019 में सोनिया गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया था क्योंकि राहुल ने इस पर बने रहने की सीडब्ल्यूसी की सर्वसम्मत अपील मानने से अस्वीकार कर दिया था. टैगोर के अलावा तेलंगाना के पूर्व सांसद और पार्टी के महाराष्ट्र मामलों के प्रभारी सचिव चल्ला वामसी चंद रेड्डी ने भी राहुल गांधी को ‘अब और बिना किसी देरी के’ कांग्रेस अध्यक्ष बनाने जाने की मांग की है. रविवार को सीडब्ल्यूसी को भेजे पत्र में रेड्डी ने कहा कि राहुल की पार्टी प्रमुख के रूप में बहाली में देरी की कीमत पार्टी को चुकानी होगी.
उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘ वर्तमान स्थिति में राहुल गांधी की कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में प्रोन्नति में देरी से कांग्रेस पार्टी की प्रगति में ऐसी क्षति होगी, जिसकी गणना नहीं की जा सकती है और यह कांग्रेस परिवार के लिए हत्सोसाहित करने वाला कदम हो सकता है. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पार्टी से सहानुभूति रखने वालों की तरफ से मैं समिति के पास अति महत्वपूर्ण विषय भेजने के लिए इस अवसर का फायदा उठाना चाहूंगा.
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हम सीडब्ल्यूसी की बैठक होने और राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में प्रोन्नत करने का सकारात्मक निर्णय लिये जाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे . ’’ उन्होंने कहा, ‘‘यथाशीघ्र लिये जाने वाले इस फैसले से रचनात्मक कार्यों के शुभारंभ के लिए लांचिंग पैड का निर्माण हो सकता है और वह (फैसला) हम सभी को किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार कर सकता है. राहुल गांधी एक मात्र ऐसे नेता हैं जो वरिष्ठों और युवाओं में ऊर्जा का संचार और एकजुट सकते हैं तथा कांग्रेस के अतीत के गौरव को लाने के लिए जोश और उत्साह जगा सकते हैं.’’
वैसे, कांग्रेस के युवा नेताओं द्वारा राहुल गांधी की पार्टी अध्यक्ष के रूप में वापसी की रणनीति पर जोर देने की संभावना है जबकि सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं ने उन सभी नेताओं की पार्टी में वापसी के लिए संपर्क करने और राजी करने पर जोर दिया है जो पार्टी छोड़कर भाजपा में चले गये. समझा जाता है कि उन्होंने यह भी कहा है कि सीडब्ल्यूसी भाजपा के खिलाफ जनमत तैयार करने में प्रभावी तरीके से पार्टी का मार्गदर्शन नहीं कर रही है.
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जिन नेताओं ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं उनमें राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पृथ्वीराज चव्हाण, राजिंदर कौर भट्टल , पूर्व मंत्री मुकुल वासनिक, कपिल सिब्बल, एम वीरप्पा मोइली, शशि थरूर, सांसद मनीष तिवारी, पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा, जितिन प्रसाद, संदीप दीक्षित शामिल हैं. इस पत्र में पार्टी की इकाइयों के पूर्व प्रमुख राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह ठाकुर, अखिलेश प्रसाद सिंह और कुलदीप शर्मा के भी दस्तखत हैं. इनमें से ज्यादातर ने रविवार को पूछे गये प्रश्नों के उत्तर नहीं दिये. कुछ ने फोन कॉल का जवाब तो दिया, लेकिन इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं बोले. इन घटनाक्रमों के मद्देनजर सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष के लिए गांधी बनाम गांधी के मुद्दे पर चर्चा होना लगभग तय है.
Source : Bhasha/News Nation Bureau