देशभर में दशहरा पर्व की धूम है. देशवासी धूमधाम से दशहरा का त्सोहार मना रहे हैं. इस दिन को अधर्म पर धर्म की जीत, असत्य पर सत्य की जीत और बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में जाना जाता है. इस दिन को विजयादशमी के रूप में मनाते हैं. आज ही के दिन प्रभु श्री राम ने रावण का वध किया था. उस दिन से इसे विजयादशमी के रूप में मनाते हैं. पीएम नरेन्द्र मोदी इस बार लाल किले के बजाए द्वारका में रावण दहन कार्यक्रम में शामिल हुए. पीएम मोदी ने 2014 और 2017 में भी दिल्ली में दशहरा का उत्सव मनाया था. पीएम मोदी ने धनुष बाण चलाकर रावण के पुतले का दहन किया. इसके बाद उन्होंने लोगों को संबोधित किया. जानते हैं उनके भाषण के मुख्य बिंदू.
1. द्वारका सेक्टर 10 के डीडीए मैदान में पीएम नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए लोगों को विजयादशमी के पर्व की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान उत्सवों की भूमि है. उत्सव हमें जोड़ते भी हैं, हमें मोड़ते भी हैं. उत्सव उमंग भी भरते हैं, उत्साह भी भरते हैं और नए-नए सपनों को सजने का सामर्थ्य भी देते हैं.
2. पीएम मोदी ने कहा कि उत्सव नई संचार शक्ति पैदा करता है. उन्होंने कहा कि उत्सव भावों की अभिव्यक्ति का उत्तम माध्यम बनते रहे. उत्सवों से प्रतिभा को निखारने का, सामाजिक गरिमा देने का, पुरस्कृत करने का हमारे यहां निरंतर प्रयास चला है.
3. हमारे यहां उत्सव युग-काल के अनुसार बदलते रहे. हम एक ऐसा समाज हैं जो गर्व के साथ बदलाव को स्वीकार करते हैं. हम चुनौतियों के साथ चुनौती देने वाले भी हैं और आवश्यकता के साथ खुद को बदलने वाले भी हैं. इसी वजह से हमारी हस्ती नहीं मिटती.
4. पीएम मोदी ने कहा कि हमारी वायुसेना का भी आज जन्मदिन है. आज अवसर है कि विशेष रूप से हम वायुसेना को याद करें. वायुसेना के जांबाज जवानों को भी याद करें.
5. हमें अपने भीतर की बुराइयों से भी मुक्ति पाना है. विजयादशमी, महात्मा गांधी की जयंती हो या प्रकाश पर्व हो, हमें कोई ना कोई संकल्प लेना चाहिए.
6. पीएम मोदी ने कहा कि देश की भलाई के लिए अपने अंदर एक संकल्प लें. अपने अंदर की असुरी शक्तियों को खत्म करें. उन्होंने कहा कि देश की संपत्ति बचाना भी एक संकल्प हो सकता है.
7. पीएम मोदी ने कहा कि इस बार दीपावली पर बेटियों को सम्मानित करना चाहिए. हमारी बेटी लक्ष्मी का रूप होती है.
8. समाज में बुराई पैदा होने पर महापुरुष पैदा होते हैं. इसके बाद बुराई को खत्म करते हैं. बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अच्छाई के सामने टिक नहीं सकती है.