लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर डिजिटल प्रदर्शनी के कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान पीएम मोदी का सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रधानमंत्री ना बन पाने का दर्द छलक पड़ा।
पीएम मोदी ने कहा, 'यात्रा के अंतिम समय में जब आपकी सीट पर कोई और आकर बैठ जाता है तो तकलीफ होती है।'
फिर पीएम ने कहा कि, 'आप उनकी प्रशासनिक क्षमता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि उनके कहने पर ही उस वक्त कई रियासतों के राजा भारत में अपने क्षेत्र का विलय करने के लिए तैयार हुए थे।' हालांकि इस दौरान ना तो उन्होंने कांग्रेस का नाम लिया और ना ही देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का।
इशारों-इशारों में जवाहर लाल नेहरू के पहले पीएम बनने पर मोदी ने कहा कि, 'सरदार पटेल जिस सम्मान और पद के सबसे बड़े हकदार थे वो उन्हें कभी नहीं मिला और फिर डिजिटल प्रदर्शनी की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये डिजिटल प्रदर्शनी भी उनके उस सम्मान और पद के बिना अधूरी है जिसको अब कभी पूरा नहीं किया जा सकता है।'
गौरतलब है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने ही राजस्थान, मध्य प्रदेश और हैदराबाद जैसी रियासतों के राजाओं को अपने क्षेत्र का भारत में विलय करने के लिए राजी किया था। आजादी के बाद पंडित जवाहर लाल देश के पहले प्रधानमंत्री और सरदार वल्लभ भाई पटेल देश के पहले गृह मंत्री बने थे।