प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले महीने नेपाल के दौरे पर जा सकते हैं. ग्लासगो में नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउवा ने द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नेपाल भ्रमण पर आने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया है. अगर तय कार्यक्रम में कोई फेरबदल नहीं हुआ तो दिसंबर के पहले हफ्ते में मोदी का नेपाल दौरा हो सकता है.
नेपाल के विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि विवाह पंचमी (08 दिसंबर) के आसपास भारतीय प्रधानमंत्री का नेपाल दौरा होने की प्रबल संभावना है. यह मोदी का चौथा नेपाल दौरा होगा. विवाह पंचमी भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की वर्षगांठ के रुप में मनाई जाती है और इस दिन यात्रा करके प्रधानमंत्री मोदी हिन्दू समुदाय को एक विशेष संदेश देना चाहेंगे.
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समझौते पर हस्ताक्षर भी हो चुके हैं
इस दौरे में भारत सरकार के द्वारा बनाए गए जयनगर-जनकपुरधाम रेल संचालन का उद्घाटन दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों द्वारा किए जाने की तैयारी हो रही है. हाल ही में भारत और नेपाल के बीच नेपाल में पहले यात्री रेल सेवा संचालन को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर भी हो चुके हैं. इसके अलावा भारत ने बिहार के रक्सौल से लेकर नेपाल की राजधानी काठमांडू तक की रेल लाइन निर्माण करने की घोषणा की गई है और प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे में रक्सौल-काठमाडौं रेल लाइन का शिलान्यास किये जाने की भी संभावना है.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पहले दौरे में पशुपतिनाथ का दर्शन किया था जबकि दूसरे भ्रमण के दौरान वो मुक्तिनाथ की यात्रा पर गए थे. तीसरे भ्रमण की शुरूआत माता सीता की नगरी जनकपुरधाम से हुई थी. अपने चौथे नेपाल दौरे में प्रधानमंत्री मोदी के लुम्बिनी जाने की पूरी संभावना है.
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टूरिज्म हब बनाने पर हमेशा ही जोर रहा
प्रधानमंत्री मोदी का बुद्धिस्ट सर्किट को टूरिज्म हब बनाने पर हमेशा ही जोर रहा है. हाल ही में मोदी ने कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे का उद्घाटन करते हुए भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी और कपिलवस्तु का भी जिक्र किया था. उनकी योजना है की भारत और नेपाल में जितने भी भगवान बुद्ध से जुड़े स्थल है उनको एक दुसरे से जोड़ कर वहां बेहतर सुविधाएँ तैयार की जाए.
गौरतलब है कि भारत और नेपाल के बीच सदियों से मजबूत सम्बन्ध रहे है. नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और प्रधानमंत्री मोदी की ग्लासगो में पहली बार मुलाकात हुई है. नेपाल में आये विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने वहां पुनर्निर्माण में भरपूर सहयोग किया था. कोरोना महामारी के दौरान भी दोनों देशो के बीच परस्पर सहयोग और बढ़ा. भारत ने कोरोना की वैक्सीन , दवाईयां और मेडिकल उपकरण भेज कर नेपाल की पूरी मदद की है. साथ ही इस दौरान खाद्य सामग्रियों और अन्य सामानों की निर्बाध आपूर्ति जारी रखी.