चुनावी बॉन्ड या इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है. दरअसल पीएम मोदी ने रविवार को तमिलनाडु स्थित एक न्यूज चैनल को दिए एक इंटरव्यू में इस विषय को एक बार फिर जनता के सामने उठाया है. मोदी ने कहा है कि, चुनावी बॉन्ड की आलोचना करने वालों को "जल्द ही पछतावा होगा". उन्होंने कहा कि, 2014 से पहले, चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों को दिए गए धन का कोई निशान नहीं था. भाजपा की सरकार ने चुनावी बॉन्ड पेश किया, जिससे धन के स्रोत का पता लगा सकते हैं. मोदी ने इंटरव्यू में चुनावी बॉन्ड का जिक्र करते हुए कहा कि, "कुछ भी पूर्ण नहीं है, खामियों को दूर किया जा सकता है."
गौरतलब है कि, 15 फरवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में अधिसूचित चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार दिया. इसके साथ ही भारतीय स्टेट बैंक और भारतीय चुनाव आयोग से अप्रैल 2019 से खरीदे और एनकैश किए गए बॉन्ड के सभी विवरणों का खुलासा करने को कहा.
भाजपा धन की सबसे बड़ी प्राप्तकर्ता
बता दें कि, देश की सर्वोच्च अदालत का ये फैसला लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आया है, जिसका विपक्षी दलों और नागरिक समाज कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया है. चुनावी बॉन्ड से संबंधित प्राप्त विवरण के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) धन की सबसे बड़ी प्राप्तकर्ता थी. हालांकि बिहार 2020 के चुनाव चक्र में ये चौथी सबसे बड़ी प्राप्तकर्ता रही थी.
जयललिता के सपनों को नष्ट करके पाप कर रहे हैं: मोदी
चुनावी बॉन्ड के अलावा, मोदी ने तमिलनाडु में भाजपा और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के बीच संबंधों के टूटने पर भी बात की. उन्होंने इसे "नुकसान" करार दिया है. उन्होंने कहा कि, दोनों पार्टियों के बीच संबंध अच्छे थे. अगर कोई अफसोस है तो वह AIADMK की तरफ से होगा, बीजेपी की तरफ से नहीं है. उन्होंने कहा कि, जो लोग अम्मा (AIADMK chief late J Jayalalithaa) के सपनों को नष्ट करके पाप कर रहे हैं, उन्हें ही पछताना चाहिए, हमें नहीं.
Source : News Nation Bureau