वुहान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के बाद दोनों नेता इस साल कम के कम तीन और बार मिल सकते हैं।
'वुहान समित: सिनो इंडिया रिलेशंस एंडइ इट्स वे फॉरवर्ड' में भारत में चीन के राजदूत लुओ झाहोई ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय और वैश्विक महत्व के मामलों पर रणनीतिक सहमति बनी है।
उन्होंने कहा कि वुहान सम्मेलन, डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली का तरीका था। गौरतलब है कि डोकलाम में दोनों देशों की सेनाएं 73 दिनों तक आमने-सामने डटी हुई थी।
लुओ ने वुहान सम्मेलन को चीनी डिप्लोमेसी में बेहद अहम करार दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कभी भी बीजिंग से बाहर किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष की दो बार आगवानी नहीं की।
उन्होंने कहा कि शी ने इससे पहले 2015 में जियान में मोदी की आगवानी की थी और इसके बाद वह वुहान में मिले।
लुओ ने कहा, 'यह बताता है कि चीन भारत के साथ संबंधों को कितनी अहमियत देता है।'
उन्होंने कहा कि जब 2017 में शंघाई सहयोग संगठन की अस्ताना बैठक के दौरान पीएम मोदी, शी जिनपिंग से मिले थे, तब उन्होंने ही इस तरह की अनौपचारिक बैठक का प्रस्ताव रखा था।
लुओ ने कहा कि इस साल दोनों नेताओं के बीच तीन बार ऐसी ही मुलाकात हो सकती है। उन्होंने कहा कि दोनों नेता जून में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन की बैठक, जोहान्सबर्ग में होने वाली ब्रिक्स बैठक और अर्जेंटिना के ब्यूनर्स आयर्स में होने वाली जी-20 की बैठक में मिल सकते हैं।
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HIGHLIGHTS
- वुहान में हुई मुलाकात के बाद इस साल कम से कम तीन बार होगी मोदी और शी की मुलाकात
- हाल ही में चीन के वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग के बीच हुई थी अनौपचारिक बैठक
Source : News Nation Bureau