नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को 75 दिन हो चुके हैं. सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में कृषि कानून सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष को जबाव दिया. प्रधानमंत्री ने अपने 75 मिनट के भाषण में कृषि कानून को लेकर सरकार की स्थिति स्पष्ट की. आज लोकसभा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलेंगे. ऐसे में सभी की नजरें सदन पर लगी हुई हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में साफ कर दिया कि सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी. उन्होंने सदन में कहा कि किसानों के हित में बड़े सुधार किए जा रहे हैं. ऐसे में सरकार का काम लोगों को भरोसा दिलाना है. राज्यसभा के बाद बुधवार को लोकसभा में पीएम मोदी जवाब देंगे. इस दौरान किसानों के मसले पर नरेंद्र मोदी क्या कहते हैं, ये बेहद अहम होगा.
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एमएसपी थी और रहेगी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा में स्पष्ट कर दिया कि किसानों को भड़काया जा रहा है. उन्होंने कहा कि MSP था, MSP है और MSP रहेगा. उन्होंने किसानों से अपील की कि उन्हें अपना आंदोलन वापस ले लेना चाहिए. विपक्ष पर तंज कसते हुए पीएम ने कहा कि कुछ लोग किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. देश में एक नया समुदाय 'आंदोलनजीवी' पैदा हो गया है. जो हर विरोध प्रदर्शनों में देखा जा सकता है. पीएम मोदा ने कहा, 'हम लोग कुछ शब्दों श्रमजीव और बुद्धिजीवी से बड़े परिचित हैं, लेकिन मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हुई है.
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‘किसान आंदोलन तोड़ने की साजिश’
उधर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सरकार से सवाल किया कि अमित शाह जैसा मजबूत गृहमंत्री होते हुए कुछ उपद्रवी लोग 26 जनवरी को लाल किला तक कैसे पहुंच गए. इस पर सही से जांच होनी चाहिए. अधीर रंजन ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पाकिस्तान में क्या हो रहा इसकी जानकारी आपके पास है लेकिन यहां क्या हो रहा इसकी जानकारी आपके पास नहीं है. विपक्ष दिल्ली के बॉर्डर पर कीलबंदी और बैरीकेडिंग को लेकर भी सरकार पर निशाना साथ रहा है.
Source : News Nation Bureau