प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केदारनाथ पहुंचकर पूजा-अर्चना की और बाबा केदार का रुद्राभिषेक किया. गर्भगृह में प्रधानमंत्री ने लगभग 18 मिनट तक की पूजा-अर्चना की. इसके बाद प्रधानमंत्री ने स्वयंभू शिवलिंग की परिक्रमा भी की. पीएम ने पूजा करने के बाद पीएम मोदी ने आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया. उन्होंने आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण भी किया. इस दौरान राज्य में चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा किया. वर्ष 2013 के उत्तराखंड बाढ़ में तबाही के बाद नष्ट हो चुके आदि शंकराचार्य की समाधि का पुनर्निर्माण किया गया है. केदारनाथ मंदिर के पुजारी बागीश लिंग ने कहा, "हम सभी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया. पीएम मोदी ने सुबह में महारुद्र अभिषेक किया और राष्ट्र के कल्याण के लिए प्रार्थना किया. इसके बाद उन्होंने आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का भी अनावरण किया.
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ में अपने संबोधन के दौरान कहा कि ये दशक उत्तराखंड का है. उन्होंने कहा कि पिछले 100 साल से ज्यादा यात्री अगले 10 साल में आने वाले हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि बरसों पहले जो नुकसान हुआ था, वो अकल्पनीय था. जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा? लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा. यह विकास कार्य ईश्वर की कृपा से हुआ. इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं. पीएम ने कहा कि आदि शंकराचार्य ने पवित्र मठों की स्थापना की, चार धामों की स्थापना की, द्वादश ज्योतिर्लिंगों का पुनर्जागरण का काम किया। आदि शंकराचार्य सबकुछ त्यागकर देश, समाज और मानवता के लिए जीने वालों के लिए एक सशक्त परंपरा खड़ी की. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बताया कि वह केदारनाथ में हो रहे विकास कार्यों पर लगातार दिल्ली से नजर बनाकर रखते थे. वह ऐसा ड्रोन फुटेज के जरिए किया करते थे. विकास कार्यों में दिशा दिखाने के लिए पीएम ने वहां के सभी रावल-पिरोहितों का धन्यवाद किया.
वर्ष 2013 में उत्तराखंड की विनाशकारी बाढ़ में बह जाने के बाद आदि गुरु शंकराचार्य की 12 फुट की मूर्ति का फिर से र्निर्माण किया गया. अधिकारियों ने कहा कि प्रतिमा का वजन 35 टन है और इसे मैसूर स्थित मूर्तिकारों ने क्लोराइट शिस्ट से बनाया है जिसे बारिश, धूप और कठोर जलवायु का सामना करने के लिए जानी जाती है. इसे केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे और समाधि क्षेत्र के बीच में जमीन खोदकर बनाया गया है. वह अब 130 करोड़ रुपये की प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करने वाले हैं, जिसमें सरस्वती रिटेनिंग वॉल आस्थापथ और घाट, मंदाकिनी रिटेनिंग वॉल आस्थापथ, तीर्थ पुरोहित हाउस और मंदाकिनी नदी पर गरुड़ चट्टी पुल शामिल हैं. प्रधानमंत्री कई परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे. इस दौरान वह मंदिर में श्रद्धालुओं की एक सभा को भी संबोधित किया.
इससे पहले दिन में पीएम मोदी ने केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की और 'आरती' की. पीएम मोदी भगवान शिव को समर्पित 8 वीं शताब्दी के मंदिर के गर्भगृह के अंदर भी बैठे. इसके बाद उन्होंने पूजा-अर्चना के बाद केदारनाथ धाम की परिक्रमा की. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी 130 करोड़ रुपये की प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिसमें सरस्वती रिटेनिंग वॉल आस्थापथ और घाट, मंदाकिनी रिटेनिंग वॉल आस्थापथ, तीर्थ पुरोहित हाउस और मंदाकिनी नदी पर गरुड़ चट्टी पुल शामिल हैं. पीएम मोदी राज्य में कई परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे.
क्या है प्रधानमंत्री का प्रोग्राम-
- 7:45 बजे केदारनाथ धाम पहुंचेंगे पीएम मोदी
- सुबह 8 बजे केदारनाथ मंदिर पहुंचेंगे पीएम
- 8 से 8:30 बजे तक केदारनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे
- 8:35 बजे से समाधि स्थल पहुंचेंगे पीएम
- 8:35 से 9:30 तक आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि का अनावरण , पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण
- 9:30 बजे संगम घाट पहुंचेंगे पीएम मोदी
- 9:40 से 10:30 केदारनाथ धाम में विभिन्न पुनर्निर्माण कार्यो का शिलान्यास व लोकार्पण करेंगे पीएम
- 10:45 से 11 बजे तक आरक्षित
- 11:15 बजे केदारनाथ धाम से वापस जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे पीएम
HIGHLIGHTS
- पीएम मोदी केदारनाथ मंदिर में करेंगे पूजा-अर्चना
- केदारनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया है
- आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का भी करेंगे अनावरण
Source : News Nation Bureau