मानवता को बचाने के लिए सूर्य के साथ चलना होगा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

मुझे उम्मीद है कि 'वन सन, वन वर्ल्ड एंड वन ग्रिड' और 'ग्रीन ग्रिड' पहल के बीच सहयोग से एक साझा और मजबूत वैश्विक ग्रिड विकसित किया जा सकता है.

author-image
Pradeep Singh
एडिट
New Update
PM MODI

पीएम नरेंद्र मोदी( Photo Credit : TWITTER HANDLE)

Advertisment

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन 'सीओपी-26' में हिस्सा लेने के लिए ब्रिटेन में है. आज उनकी ब्रिटेन यात्रा का दूसरा दिन है. ग्लासगो सम्मेलन में पीएम मोदी ने बैठक में भारत के जलवायु एजेंडे पर औपचारिक स्थिति पेश की. उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ दशकों ने सिद्ध किया है कि जलवायु परिवर्तन के प्रकोप से कोई भी अछूता नहीं है. विकसित देश हों या फिर प्राकृतिक संसाधनों से धनी देश सभी के लिए ये बहुत बड़ा खतरा है. इसमें भी जलवायु परिवर्तन से सब से अधिक खतरा स्मॉल आईलैंड डेवलपिंग स्टेट्स को है.  

पीएम नरेंद्र मोदी ने ग्लासगो में अपने संबोधन में कहा कि हमने प्राकृतिक संतुलन को नुकसान पहुंचाया है. तकनीक ने हमें बेहतर अवसर दिया है. लेकिन मानवता को बचाने के लिए हमें सूर्य के साथ चलना होगा. प्रधानमंत्री ने वन सन, वन वर्ल्ड और वन ग्रिड को दुनिया के लिए जरूरी बताया. ग्लासगो में COP26 में एक्सलरेटिंग क्लीन टेक्नोलॉजी इनोवेशन एंड डेवलपमेंट पर आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि जीवाश्म ईंधन (fossil fuels) के उपयोग ने कुछ देशों को समृद्ध तो बनाया लेकिन इसने पृथ्वी और पर्यावरण को खराब बना दिया है. जीवाश्म ईंधन की रेस ने भी भू-राजनीतिक तनाव पैदा किया.

यह भी पढ़ें: पंजाब: नई पार्टी के ऐलान के बाद अब कैप्टन अमरिंदर ने उठाया यह बड़ा कदम, पढ़ें

'वन सन-वन वर्ल्ड समस्या का समाधान' उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा पूरी तरह से स्वच्छ और टिकाऊ है. चुनौती यह है कि यह ऊर्जा केवल दिन के समय उपलब्ध होती है और मौसम पर निर्भर करती है. 'वन सन, वन वर्ल्ड एंड वन ग्रिड' इस समस्या का समाधान है. विश्वव्यापी ग्रिड के माध्यम से, स्वच्छ ऊर्जा को कहीं भी और कभी भी प्रेषित किया जा सकता है.

वन सन वन वर्ल्ड को महत्व देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'वन सन, वन वर्ल्ड एंड वन ग्रिड' न केवल भंडारण की जरूरतों को कम करेगा बल्कि सौर परियोजनाओं की व्यवहार्यता को भी बढ़ाएगा. यह रचनात्मक पहल न केवल कार्बन फुटप्रिंट्स और ऊर्जा लागत को कम करेगी बल्कि कई देशों और क्षेत्रों के बीच सहयोग के लिए एक नया रास्ता खोलेगी. प्रधानमंत्री ने COP26 में अपने संबोधन में कहा, 'मुझे उम्मीद है कि 'वन सन, वन वर्ल्ड एंड वन ग्रिड' और 'ग्रीन ग्रिड' पहल के बीच सहयोग से एक साझा और मजबूत वैश्विक ग्रिड विकसित किया जा सकता है. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो दुनिया को सोलर कैलकुलेटर एप्लीकेशन उपलब्ध कराने जा रही है.'

पीएम मोदी इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ग्लास्गो में इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर रेसिलिएंट आइलैंड स्टेट्स इनिशिएटिव (IRIS) की लॉन्चिंग के मौके पर दुनिया को जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरों के बारे में चेताया. उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर रेसिलिएंट आइलैंड स्टेट्स इनिशिएटिव (IRIS) का लॉन्च होना एक नई आशा जगाता है और नया विश्वास भी देता है. ये खतरे की कगार पर खड़े देशों के लिए कुछ करने का संतोष देता है. मैं इसके लिए कोलिशन फॉर डिजास्टर रिसाइलिएंट इन्फ्रास्ट्र्क्चर (Coalition For Disaster Resilient Infrastructure) को बधाई देता हूं.

HIGHLIGHTS

  • जलवायु परिवर्तन से सब से अधिक खतरा स्मॉल आईलैंड डेवलपिंग स्टेट्स को है
  • हमने प्राकृतिक संतुलन को नुकसान पहुंचाया है
  • 'वन सन, वन वर्ल्ड एंड वन ग्रिड' इस समस्या का समाधान
glasgow clean energy worldwide grid sun
Advertisment
Advertisment
Advertisment