प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दुनिया में सामूहिक शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया. बाली में जी20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, कोविड के बाद के लिए एक नई विश्व व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी हमारे कंधों पर है. शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक संकल्प दिखाना समय की मांग है. भारत में होने वाली अगली जी20 बैठक का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री ने आगे कहा, मुझे विश्वास है कि जब जी20 देश बुद्ध और गांधी की पवित्र भूमि पर मिलेंगे, तो हम दुनिया को शांति का एक मजबूत संदेश देने के लिए सहमत होंगे.
यूक्रेन संघर्ष का जिक्र करते हुए मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया को संघर्षविराम सुनिश्चित करने और कूटनीति की ओर लौटने का रास्ता खोजना होगा. दूसरे विश्व युद्ध और उसके द्वारा हुई तबाही का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व नेताओं ने तब शांति सुनिश्चित करने के लिए गंभीर प्रयास किए थे और अब हमारी बारी है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला चरमरा गई है, जिसके कारण वैश्विक स्तर पर आवश्यक वस्तुओं का संकट पैदा हो गया है.
मोदी ने बाली में अपने संबोधन में कहा, आज की उर्वरक कमी कल का खाद्य संकट है, जिसका समाधान दुनिया के पास नहीं होगा. हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की आपूर्ति श्रृंखला बनाए रखने के लिए एक आपसी समझौता करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा, 2030 तक, हमारी आधी बिजली नवीकरणीय स्रोतों से उत्पन्न होगी. इसलिए समयबद्ध और किफायती वित्त और विकासशील देशों को प्रौद्योगिकी की सतत आपूर्ति समावेशी ऊर्जा परिवर्तन के लिए आवश्यक है.
भारत की ऊर्जा-सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, मोदी ने कहा कि यह वैश्विक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. उन्होंने कहा, हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध की अनुमति नहीं देनी चाहिए और ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण के लिए प्रतिबद्ध है.
Source : IANS