ग्लासगो में आयोजित 'वर्ल्ड लीडर समिट ऑफ कोप-26' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का पक्ष दुनिया के सामने रखा. क्लाइमेट चेंज पर इस वैश्विक मंथन के बीच पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर रेसिलिएंट आइलैंड स्टेट्स’ यानि आइरिस, का लॉन्च एक नई आशा जगाता है, नया विश्वास देता है. ये सबसे वल्नरेबल देशों के लिए कुछ करने का संतोष देता है. मैं इसके लिए Coalition for Disaster Resilient Infrastructure CDRI को बधाई देता हूं. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ दशकों ने सिद्ध किया है कि क्लाइमेट चेंज के प्रकोप से कोई भी अछूता नहीं है. चाहे वो विकसित देश हों या फिर प्राकृतिक संसाधनों से धनी देश हों सभी के लिए ये बहुत बड़ा खतरा है. इसमें भी क्लाइमेट चेंज से सब से अधिक खतरा स्मॉल आईलैंड डिवेलपिंग स्टेट्स को है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की स्पेस एजेंसी इसरो, सिड्स के लिए एक स्पेशल डेटा विंडो का निर्माण करेगी. इससे सिड्स को सैटेलाइट के माध्यम से सायक्लोन, कोरल-रीफ मॉनीटरिंग, कोस्ट-लाइन मॉनीटरिंग आदि के बारे में टाइमली जानकारी मिलती रहेगी. IRIS के लॉन्च को बहुत अहम मानता हूं. IRIS के माध्यम से सिड्स को टेक्नोलॉजी, फायनेंस, जरूरी जानकारी तेजी से मोबलाइज करने में आसानी होगी. स्मॉल आइलैंड्स स्टेट्स में क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रोत्साहन मिलने से वहां जीवन और आजीविका दोनों को लाभ मिलेगा.
Source : News Nation Bureau