PM In Mann Ki Baat : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 85वें एपिसोड में देश को संबोधित किया. यह उनके मासिक रेडियो कार्यक्रम के वर्ष का पहला एपिसोड था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वर्ष के अपने पहले 'मन की बात' में कहा कि देश सफलतापूर्वक कोरोना वायरस महामारी की नई लहर से लड़ रहा है. उन्होंने 15-18 आयु वर्ग के बड़ी संख्या में बच्चों को कोविड-19 के खिलाफ टीका लगाए जाने की सराहना की. पीएम ने कहा कि यह गर्व की बात है कि अब तक लगभग 4.5 करोड़ बच्चों ने कोविड की वैक्सीन ले ली है. हमारे देश के टीके में हमारे लोगों का विश्वास ताकत का एक बड़ा स्रोत है. उन्होंने कहा, अब, COVID संक्रमणों की संख्या घट रही है. यह एक बहुत ही सकारात्मक संकेत है. पीएम ने कहा, कोविड को हराना और आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार एक दीमक" की तरह है जो देश को खोखला बना देता है और देश के सभी लोगों को जल्द से जल्द इससे छुटकारा पाने के लिए मिलकर काम करना होगा.
यह भी पढ़ें : ये है न्यू इंडिया, 1000 ड्रोन ने हवा में दिखा दिया गांधी से लेकर पूरा भारत
PM मोदी की मन की बात की मुख्य बातें :
-देश-दुनिया के पोस्टकार्ड के जरिए 1 करोड़ से ज्यादा बच्चों ने मुझे अपनी 'मन की बात' सुनाई है. मैंने उनमें से बहुतों को पढ़ा है. भारत के भविष्य के लिए आज के जन की सोच महत्वपूर्ण है
-देश में पद्म पुरस्कारों की भी घोषणा हो चुकी है. पद्म पुरस्कार पाने वालों में कई ऐसे नाम हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. ये हैं हमारे देश के गुमनाम नायक, जिन्होंने सामान्य परिस्थितियों में असाधारण काम किया है.
-प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार: ये पुरस्कार उन बच्चों को दिया जाना चाहिए जिन्होंने कम उम्र में साहसिक और प्रेरणादायक काम किया हो. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में आजादी के बाद से शहीद हुए देश के सभी वीरों के नाम अंकित हैं. सेना के कुछ पूर्व सैनिकों ने मुझे यह कहते हुए लिखा है कि शहीदों की स्मृति के सामने जलाई जा रही 'अमर जवान ज्योति' शहीदों की अमरता का प्रतीक है. सचमुच 'अमर जवान ज्योति' की तरह हमारे शहीद भी प्रेरणास्रोत हैं और उनका योगदान भी अमर है. मैं आप सभी से कहूंगा कि जब भी मौका मिले 'नेशनल वॉर मेमोरियल' जरूर जाएं. इन्हीं प्रयासों से देश अपने राष्ट्रीय प्रतीकों को फिर से स्थापित कर रहा है. हमने देखा कि इंडिया गेट के पास 'अमर जवान ज्योति' और 'नेशनल वॉर मेमोरियल' पर प्रज्ज्वलित ज्योति को आपस में मिला दिया गया. इस भावनात्मक अवसर पर देश के लिए अपनी जान गंवाने वालों के कई देशवासियों और परिवारों की आंखों में आंसू आ गए.
-सुरक्षा बलों के कई जवानों ने मुझे पत्र लिखकर अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में मिलाने के कदम की सराहना की
-जहां कर्तव्य की अनुभूति होती है, वहां कर्तव्य सर्वोपरि होता है. भ्रष्टाचार वहां प्रवेश करने की सोच भी नहीं सकता
-साथियों, भारत के आजादी का अमृत महोत्सव का उत्साह हमारे देश तक ही सीमित नहीं है. मुझे भारत के मित्र देश क्रोएशिया से भी 75 पोस्टकार्ड मिले हैं.
-मेरे प्यारे देशवासियों, भारत शिक्षा और ज्ञान की पवित्र भूमि रही है. हमने शिक्षा को किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रखा है, बल्कि इसे जीवन के समग्र अनुभव के रूप में देखा है
-मेरे प्यारे देशवासियो, प्रकृति के प्रति प्रेम और प्रत्येक जीव के प्रति करुणा यही हमारी संस्कृति भी है और सहज प्रकृति भी. जब ईमानदारी से प्रयास किया जाता है, तो नेक इरादे से काम किया जाता है जिसके परिणाम भी आते हैं
-साथियों, भारतीय संस्कृति के विविध रंगों और आध्यात्मिक शक्ति ने हमेशा दुनिया भर के लोगों को आकर्षित किया है. हमारी संस्कृति न केवल हमारे लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक अमूल्य धरोहर है
-हमें 'स्वच्छता अभियान' को नहीं भूलना चाहिए. हमें सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान को तेज करना चाहिए
-'वोकल फॉर लोकल' मंत्र हमारी जिम्मेदारी है. हमें आत्मानिर्भर भारत अभियान के लिए पूरे मन से काम करना होगा. हम सभी के प्रयासों से देश विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा