प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार ने करदाताओं का उत्पीड़न रोकने के लिए कर संग्रह के क्षेत्र में कई बड़े कर सुधार किए हैं. पिछले पांच साल में उनकी सरकार द्वारा किए गए वित्तीय सुधारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में कर आंकलन के दौरान करदाताओं का उत्पीड़न रोकने के लिये ऐसी व्यवस्था शुरू की गई है जिसमें करदाता और कर अधिकारी को आमने-सामने आने की जरूरत नहीं है.
थाइलैंड में आदित्य बिड़ला समूह के परिचालन की स्वर्ण जयंती के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि अब भारत वैश्विक स्तर पर सबसे अनुकूल कर व्यवस्था वाला देश बन गया है और इस प्रणाली में और सुधार लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
भारत और थाइलैंड के उद्योग जगत के दिग्गजों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर बताया कि कैसे माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने से देश में आर्थिक दृष्टि से एकीकरण हुआ है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इसे और अनुकूल बनाने के लिए काम कर रही है.
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मोदी ने कहा, ‘पिछले पांच साल के दौरान हमने मध्यम वर्ग से कर का बोझ काफी कम किया है. अब हम ऐसी कर व्यवस्था शुरू कर रहे हैं जिसमें करदाता और कर अधिकारी का आमना सामना नहीं होगा जिससे करदाता के किसी तरह के उत्पीड़न की गुंजाइश समाप्त होगी.
विपक्षी कांग्रेस पार्टी लगातार यह आरोप लगाती रही है कि मोदी सरकार में कर अधिकारी उन कारोबारियों और राजनीतिक नेताओं को परेशान कर रहे हैं जो सरकार के खिलाफ बोलते हैं. इससे पहले अगस्त में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग जगत से कहा था कि अब उन्हें किसी तरह के उत्पीड़न का सामना नहीं करना होगा क्योंकि ऐसी नयी प्रणाली लाई जा रही है जिसमें अधिकारियों को उनकी कार्रवाई के लिए जवाबदेह बनाया जाएगा.
मोदी ने कहा, ‘आज के भारत में मेहनत से काम करने वाले करदाता के योगदान को सराहा जाता है. एक ऐसा क्षेत्र जहां हमने काफी काम किया है, वह है कराधान. मुझे खुशी है कि आज भारत में दुनिया की सबसे अनुकूल कर व्यवस्था है. हम इसमें और सुधार करने को प्रतिबद्ध हैं.’
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कॉरपोरेट कर में कटौती का भी जिक्र किया.
उन्होंने कहा, ‘आपने सुन लिया होगा कि भारत ने कॉरपोरेट कर की दरें घटा दी हैं. हमारे जीएसटी ने देश के आर्थिक एकीकरण के सपने को पूरा किया है. हम इसे लोगों के लिए और अनुकूल बनाने की दिशा में काम करना चाहते हैं.’
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प्रधानमंत्री ने सरकार द्वारा कारोबार की स्थिति सुगम करने के उपायों का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा, ‘पांच साल में भारत ने विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में 79 स्थानों की छलांग लगाई है. वर्ष 2014 में हम 142वें स्थान पर थे और 2019 में 63वें स्थान पर आ गए हैं. यह एक बड़ी उपलब्धि है. लगातार तीसरे साल हम शीर्ष दस सुधार करने वाले देशों में हैं. भारत में कारोबार करने के लिए कई परिवर्ती कारक मौजूद हैं.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ साल के दौरान भारत आने वाले पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि इसका आशय है कि जमीन पर किए गए हमारे कार्यों के नतीजे सामने आ रहे हैं. भारत में आज बेहतर सड़कें, बेहतर हवाई संपर्क, बेहतर साफ सफाई, बेहतर कानून एवं व्यवस्था है.
अपने संबोधन में मोदी ने आदित्य बिड़ला समूह को भी थाइलैंड में उल्लेखनीय कार्य के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि समूह ने देश में बहुत लोगों के लिए अवसर प्रदान किए हैं और उनको समृद्ध किया है.
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मोदी ने कहा, ‘इस समय हम यहां थाइलैंड में हैं जिसके साथ भारत के काफी मजबूत सांस्कृतिक संबंध हैं. हम थाइलैंड में भारतीय कारोबारी समूह के 50 वर्ष पूरे कर रहे हैं. इससे मेरी यह सोच और मजबूत होती है कि वाणिज्य और व्यापार में सबको जोड़ने की आंतरिक ताकत होती है.’ मोदी आसियान-भारत, पूर्वी एशिया और आरसीईपी शिखर बैठकों में भाग लेने के लिए शनिवार को तीन दिन की यात्रा पर यहां पहुंचे.