Women Reservation Bill: पीएम मोदी ने महिला आरक्षण को लेकर बड़ी घोषणा की है. उन्होंने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ लाने की जानकारी दी है. नई लोकसभा में पीएम ने अपने पहले संबोधन में सभी सांसदों से इस बिल को सर्वसम्मति से पास करने की अपील की. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 'बीते कई सालों से महिला आरक्षण के संबंध में बहुत चर्चाएं हुई हैं, कई संवाद हुए हैं. पहली बार यह वर्ष 1996 में सामने आया था. अटल जी के वक्त कई बार ये पेश हुआ, मगर नंबर न होने की वजह से पास नहीं हो पाया. शायद ईश्वर ने ऐसे पवित्र काम को लेकर उन्हें चुना है.’
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पीएम मोदी ने बताया कि ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम के जरिए लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी. पीएम ने कहा, 'मैं सदन के सभी साथियों से इस बिल को सर्वसम्मित से पारित कराने की प्रार्थना करते हुए आपका अभार प्रकट करता हूं.’ गौरतलब है कि महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में जल्द पेश किया जा सकता है. महिला सशक्तिकरण की दिशा में केंद्र सरकार का यह काफी बड़ा कदम माना जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महिला आरक्षण बिल को संविधान के 128वें संशोधन विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा.
एक तिहाई सीटें आरक्षित रखी जाएंगी
गौरतलब है कि इस बिल में ऐसा प्रावधान है कि राज्यों की विधानसभा और संसद में महिलाओं को लेकर एक तिहाई सीटें आरक्षित रखी जाएंगी. इसके लागू होते ही देश की संसद में और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू होगा. इस बिल के अनुसार, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों में से एक-तिहाई सीटें एससी-एसटी समुदाय से आने वाली महिलाओं को लेकर आरक्षित रखी जाएंगी. इस समय लोकसभा में 78 महिला सदस्य चुनी गई हैं। ये कुल संख्या के 15 प्रतिशत से कम है. वहीं राज्यसभा में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व मात्र 14 प्रतिशत ही मौजूद है.
HIGHLIGHTS
- संसद, विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण
- बिल को संविधान के 128वें संशोधन विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा
- केंद्र सरकार का यह काफी बडा कदम माना जा रहा है