प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्ष में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक (cabinet meeting) हुई. बैठक में कई अहम फैसले लिए गये. जिसमें अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े फैसले भी शामिल हैं. बैठक में अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्रों को निजी क्षेत्र के लिए खोलने को मंजूरी दी गई.
इसके लिए नया संस्थान स्थापित किया जाएगा, जिसका नाम इंडियन नेशनल स्पेस, प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर होगा. यह संस्थान अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी कंपनियों की सहायता करेगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके इस बाबत कहा, ' सुधार प्रक्षेपवक्र जारी है...अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की स्वीकृति हमारे राष्ट्र को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने की दिशा में एक और कदम है. सुधारों से निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी बढ़ावा मिलेगा.'
अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र के शामिल होने से ये नई ऊंचाइयों को छुएगा. भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में उन्नत क्षमताओं वाले मुट्ठी भर देशों में से है. इन सुधारों के साथ, क्षेत्र को नई ऊर्जा और गतिशीलता मिलेगी, जिससे देश को अंतरिक्ष गतिविधियों के अगले चरणों में छलांग लगाने में मदद मिलेगी.
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इससे न केवल इस क्षेत्र का तेजी से विकास होगा बल्कि भारतीय उद्योग वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन सकेगा. इसके साथ, प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार का अवसर है और भारत ग्लोबल टेक्नोलॉजी पावरहाउस बन रहा है.
अंतरिक्ष क्षेत्र में प्राइवेट क्षेत्र के शामिल होने से अंतरिक्ष क्षेत्र हमारे औद्योगिक आधार की तकनीकी प्रगति और विस्तार में एक बड़ी उत्प्रेरक भूमिका निभा सकता है. प्रस्तावित सुधार अंतरिक्ष संपत्ति और गतिविधियों के सामाजिक-आर्थिक उपयोग को बढ़ाएंगे, जिसमें अंतरिक्ष संपत्ति, डेटा और सुविधाओं तक बेहतर पहुंच भी शामिल है.
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कैबिनेट की बैठक के बाद प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में बहुत बड़ा सुधार किया है. आज तक हमने अंतरिक्ष में अच्छा विकास किया है. अब ये एक तरह से सभी के उपयोग के लिए खोले जा रहे हैं.
Source : News Nation Bureau