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क्या जरूरी है विदेश में जाकर शादी करना? Mann Ki Baat में PM मोदी ने पूछा अहम सवाल

पीएम मोदी ने अपने मासिक 'मन की बात' संबोधन में कहा कि, शादी का सीजन शुरू हो चुका है. इस समय एक बात मुझे लंबे वक्त से परेशान कर रही है, इसलिए मैं आपको अपने दिल का दर्द बयान करना चाहता हूं.

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Sourabh Dubey
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modi_mann_ki_baat( Photo Credit : social media)

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पीएम मोदी "बड़े परिवारों" द्वारा विदेश में शादियां आयोजित करने की प्रवृत्ति से परेशान हैं. इस बात का जिक्र उन्होंने अपने मासिक 'मन की बात' संबोधन के दौरान किया. इसके साथ ही मोदी ने भारतीय लोगों भारत की धरती पर ही विवाह समारोह आयोजित करने का आग्रह किया. पीएम मोदी ने आमजन को संबोधित करते हुए कहा कि, अब शादी का सीज़न भी शुरू हो गया है. कुछ व्यापारिक संगठनों का अनुमान है कि इस शादी के सीजन में करीब 5 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हो सकता है. लिहाजा पीएम मोदी ने आमजन से शादियों के लिए खरीदारी करते समय केवल भारत में बने उत्पादों को महत्व देने के आग्रह किया है. 

बता दें कि पीएम मोदी ने अपने मासिक 'मन की बात' संबोधन में कहा कि, शादी का सीजन शुरू हो चुका है. इस समय एक बात मुझे लंबे वक्त से परेशान कर रही है, इसलिए मैं आपको अपने दिल का दर्द बयान करना चाहता हूं. पीएम मोदी ने कहा कि, दरअसल आजकल कुछ बड़े परिवार विदेश जाकर शादियां करते हैं. इसे लेकर नया माहौल तैयार किया जा रहा है, सवाल है कि क्या ये वाकई में जरूरी है?

पीएम मोदी ने कहा कि, अगर हमारे लोग अपनी शादी का जश्न भारत की धरती पर ही मनाएं तो देश का पैसा भारत में ही रहेगा. यहां 'वोकल फॉर लोकल' पर फोकस करते हुए उन्होंने कहा कि अगर भारत में शादियों का आयोजन किया जाता है, तो उन्हें मदद करने वाली ऐसी प्रणालियां विकसित होंगी. 

यूपीआई के इस्तेमाल पर क्या बोले पीएम मोदी

'मन की बात' मासिक कार्यक्रम में संबोधन करते हुए पीएम मोदी ने लोगों से डिजिटल लेनदेन के लिए डिजिटल भुगतान और यूपीआई पर अधिक भरोसा करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि, पिछले महीनों में यूपीआई भुगतान में वृद्धि हुई है. आगामी महीने में भी लोग केवल यूपीआई भुगतान करें और उसके अनुभव के बारे में मुझे बताएं. उन्होंने कहा कि, यह लगातार दूसरा साल है जब दिवाली के दौरान लोगों ने नकद भुगतान पर अपनी निर्भरता कम की है. इसका मतलब है कि लोग अब डिजिटल भुगतान पर अधिक भरोसा कर रहे हैं.

गौरतलब है कि, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने एक बयान में कहा कि भारत में अक्टूबर में यूपीआई के जरिए 17.16 लाख करोड़ रुपये के 11 अरब लेनदेन हुए. त्योहारी सीजन के कारण अक्टूबर में 17.16 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ. एनपीसीआई के अनुसार, मात्रा के संदर्भ में, लेनदेन की संख्या सितंबर में 10.56 बिलियन की तुलना में 8 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 11.41 बिलियन तक पहुंच गई.

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