सिविल सर्विसेज दिवस पर नौकरशाहों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतियोगिता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सरकार को बदलते समय के साथ नियामक के बजाए समर्थक की भूमिका निभानी चाहिए।
मोदी ने कहा, 'सुधार के लिए दबाव राजनीतिक नेतृत्व से आता है, लेकिन प्रदर्शन कैसा होगा इसका निर्धारण नौकरशाह करते हैं, जबकि बदलाव लोगों की भागीदारी से होता है।'
राजनीतिक इच्छाशक्ति की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'मुझमें इसकी कमी नहीं है, हो सकता है कि मुझमें यह कुछ ज्यादा ही हो।'
मोदी ने कहा, 'पिछले 15-20 वर्षो में चीजें काफी बदली हैं। पहले, सरकार ही सब कुछ होती है। जनता सभी तरह की जरूरतों के लिए सरकार पर निर्भर थी, लेकिन अब उनके पास विकल्प हैं।'
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मोदी ने निजी अस्पतालों और विमानन कंपनियों का उदाहरण देते हुए कहा कि लोग सरकारी सेवाओं की आलोचना कर रहे हैं और निजी सेवाओं से अधिक संतुष्ट नजर आ रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'हम उस समय से आगे बढ़ रहे हैं, जब सरकार ही सबकुछ होती थी। हम अब प्रतियोगिता के युग में हैं।' मोदी ने कहा कि अब अधिक विकल्प उपलब्ध हैं। सरकार की जिम्मेदारियां बढ़ी हैं। काम का बोझ नहीं बढ़ा है, बल्कि चुनौतियां बढ़ गई हैं।
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उन्होंने कहा, 'जितनी जल्दी हम अपनी कार्यशैली बदलेंगे, हमारे सोचने के तरीके में भी उतना ही बदलाव आएगा। हम जितना जल्दी नियामक के तौर पर अपनी भूमिका से बाहर आएंगे और एक समर्थक इकाई के रूप में विकसित होंगे, उतना बेहतर होगा।'
नौकरशाहों से गुणवत्ता में सुधार करने तथा उत्कृष्टता को आदत बनाने की बात कहते हुए मोदी ने कहा, 'गतिविधियों के क्षेत्र में सरकार की अनुपस्थिति दृष्टिगोचर होती है, लेकिन इसकी मौजूदगी बोझ नहीं होनी चाहिए।'
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उन्होंने कहा, 'मैं वह व्यक्ति हूं, जिसने सोशल मीडिया की ताकत को महसूस किया। अगर एक सरकारी अधिकारी होते हुए मैं सोशल मीडिया का इस्तेमाल टीकाकरण कार्यक्रम की अगली तारीख की सूचना देने के लिए करता हूं, तो यह उपयोगी है।'
उन्होंने कहा, 'आज मैं देखता हूं कि जिला स्तर के अधिकारी बेहद व्यस्त हैं उनका अधिकांश समय इसी में बीतता है।' मोदी ने कहा, 'यहां तक कि मैंने अपनी बैठकों में मोबाइल पर पाबंदी लगा दी है, नहीं तो कोई भी उसे लेता था और शुरू हो जाता था।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि नौकरशाहों को यह अवश्य सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी फैसला राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए लें और आपका ध्यान गुणवत्ता को सुधारने तथा उत्कृष्टता को अपनी आदत बनाने पर होना चाहिए।
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Source : IANS