प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के 75 साल पूरे होने पर उच्च स्तरीय बैठक में पीएम मोदी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि 75 साल पहले, युद्ध की भयावहता से एक नई आशा पैदा हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के 75 साल पूरे होने पर उच्च स्तरीय बैठक में पीएम मोदी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि 75 साल पहले, युद्ध की भयावहता से एक नई आशा पैदा हुई. मानव इतिहास में पहली बार पूरी दुनिया के लिए एक संस्था बनाई गई थी. संयुक्त राष्ट्र चार्टर के संस्थापक सदस्य होने के नाते भारत उस महान दृष्टिकोण का हिस्सा था. इसने भारत के अपने दर्शन वसुधैव कुटुम्बकम को प्रतिबिंबित किया. जो एक परिवार के रूप में सभी क्रिएशन को देखता है.
#WATCH: PM Modi speaks at high-level meeting to commemorate 75th anniversary of the UN. He says, "...As a founding signatory of the UN Charter, India was part of that noble vision. It reflected India’s own philosophy of ‘Vasudhaiva Kutumbakam’ which sees all creation as a family" pic.twitter.com/0Gfhaoqkw8
— ANI (@ANI) September 21, 2020
अभी और काम करने की आवश्यकता है
संयुक्त राष्ट्र की वजह से आज हमारी दुनिया बेहतर जगह है. हम उन सभी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में संयुक्त राष्ट्र के झंडे के नीचे शांति और विकास का कारण विकसित किया है, जिसमें भारत का अग्रणी योगदान रहा था. पीएम मोदी ने घोषणा करते हुए कहा कि हमलोग जो स्वीकार कर रहे हैं वह संघर्ष को रोकने, विकास को सुनिश्चित करने, जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने, असमानता को कम करने और डिजिटल प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के लिए अभी भी काम करने की आवश्यकता है.
#WATCH: ...While much has been achieved, original mission remains incomplete. Declaration we're adopting today acknowledges that work still needs to be done in preventing conflict, ensuring development, addressing climate change, reducing inequality: PM on 75th anniversary of UN pic.twitter.com/Wqi6GsMCYA
— ANI (@ANI) September 21, 2020
मानव कल्याण पर ध्यान केंद्रित करता है
उन्होंने अपने घोषणा में कहा कि खुद संयुक्त राष्ट्र में सुधार की आवश्यकता भी है. हम पुरानी संरचनाओं के साथ आज की चुनौतियों से नहीं लड़ सकते. व्यापक सुधारों के बिना, संयुक्त राष्ट्र विश्वास के संकट का सामना करता है. उन्होंने कहा कि आज की अंतर्संबंधित दुनिया के लिए, हमें एक सुधार की आवश्यकता है. बहुपक्षवाद जो आज की वास्तविकताओं को दर्शाता है. सभी हितधारकों को आवाज देता है. समकालीन चुनौतियों को संबोधित करता है और मानव कल्याण पर ध्यान केंद्रित करता है.
The Declaration also acknowledges the need for reform of the United Nations itself. We cannot fight today’s challenges with outdated structures. Without comprehensive reforms, the UN faces a crisis of confidence: PM at high-level meeting to commemorate 75th anniversary of the UN https://t.co/aLnS2THv7t
— ANI (@ANI) September 21, 2020
भारत उस महान दृष्टि का हिस्सा था
पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ चार्टर के संस्थापक सदस्य के रूप में भारत उस महान दृष्टि का हिस्सा था. इसने भारत के 'वसुधैव कुटुम्बकम' के अपने दर्शन को प्रतिबिंबित किया. जो एक परिवार के रूप में सभी सृजन को देखता है. उन्होंने कहा कि बहुत कुछ हासिल हो चुका है. मूल मिशन अधूरा है. आज हम जो घोषणा कर रहे हैं, वह स्वीकार करती है कि संघर्ष को रोकने, विकास सुनिश्चित करने, जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने, असमानता को कम करने के लिए अभी भी काम करने की आवश्यकता है.
Source : News Nation Bureau