प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 41वीं कड़ी में कहा कि महिलाओं का आत्मनिर्भर होना ही हमारे 'न्यू इंडिया' का सपना है। यह पहली बार नहीं है कि मोदी ने महिला सशक्तिकरण की बातों को अपने कार्यक्रम में रखा हो।
इसके पहले भी वे महिलाओं के योगदान और समाज में उनके महत्व को कई अवसरों और अपने कार्यक्रम में ही दोहराया है।
8 मार्च को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाना है, इसकी चर्चा करते हुए पीएम ने एक बार फिर महिला सशक्तिकरण और उनकी भागीदारी पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'आठ मार्च को 'अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस' मनाया जाता है। इस दिन देश में 'नारी शक्ति पुरस्कार' से ऐसी महिलाओं को सत्कार भी किया जाता है जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में अनुकरणीय कार्य किये हों।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुरुषवादी समाज की पहचान को नकारते हुए महिलाओं के महत्व को कार्यक्रम में प्रमुखता से जगह दी।
उन्होंने कहा, 'हम उस परंपरा का हिस्सा हैं, जहां पुरुषों की पहचान नारियों से होती थी। यशोदा-नंदन, कौशल्या-नंदन, गांधारी-पुत्र, यही पहचान होती थी किसी बेटे की।
मोदी ने स्वामी विवेकानंद के वचन 'संपूर्ण नारीत्व का विचार ही संपूर्ण आजादी है' को याद करते हुए बताया कि सवा सौ साल पहले स्वामी जी का यह विचार भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति के चिंतन को व्यक्त करता है।
उन्होंने कहा कि आज सामाजिक, आर्थिक जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं की बराबरी की भागीदारी सुनिश्चित करना हम सबका कर्तव्य है।
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा, 'नारी शक्ति ने स्वयं को आत्मनिर्भर बनाया है। उन्होंने खुद के साथ ही देश और समाज को भी आगे बढ़ाने और एक नए मुकाम पर ले जाने का काम किया है। आखिर हमारा 'न्यु इंडिया' का सपना यही तो है।'
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प्रधानमंत्री ने कहा कि 'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत झारखंड में लगभग 15 लाख महिलाओं ने संगठित होकर एक महीने का स्वच्छता अभियान चलाया।
मोदी ने इन महिलाओं की तारीफ करते हुए कहा, '26 जनवरी 2018 से शुरू हुए इस अभियान के अंतर्गत सिर्फ 20 दिनों में इन महिलाओं ने 1 लाख 70 हजार शौचालयों का निर्माण कर एक नई मिसाल कायम की है।'
पिछले महीने भी मन की बात में महिलाओं के महत्व को बताते हुए पीएम ने कहा थी कि प्राचीन काल से हमारे देश में महिलाओं का सम्मान, उनका समाज में स्थान और उनका योगदान, यह पूरी दुनिया को अचंभित करता आया है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने महिलाओं की स्थिति को सुधारने और महिला जनसंख्या दर को ठीक करने के लिए साल 2015 में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना की शुरुआत की थी।
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Source : News Nation Bureau