सिक्किम में पिछले एक महीने से अधिक समय से जारी सैन्य गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र बीजिंग में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में शिरकत करेंगे। ब्रिक्स, ब्राजील, चीन, रुस, दक्षिण अफ्रीका और भारत का संगठन है, जिसकी बैठक सितंबर महीने में बीजिंग में होनी है।
ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बीजिंग जाना इस लिहाज से अहम है कि पिछले एक महीने से अधिक समय से चीनी मीडिया सीमा विवाद के मुद्दे को लेकर भारत को लगातार युद्ध की धमकी दे रहा है।
इससे पहले जर्मनी के हैंबर्ग में जी-20 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक मुलाकात हुई थी। हालांकि इस दौरान दोनों नेताओं के बीच सीमा विवाद को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई थी।
इसके तत्काल बाद भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल बीजिंग गए थे और चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ उनकी सीमा विवाद को लेकर बातचीत हुई थी।
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हालांकि इस बातचीत के बाद चीन ने जम्मू-कश्मीर के लद्दाख और उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठ करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने चीन की इन कोशिशों को बेकार कर दिया।
दरअसल चीन भूटान के डाकोला (डोकालम) में भारतीय सेना की मौजूदगी का विरोध कर रहा है। वास्तव में भारत ने इस इलाके में चीन को सड़क बनाने से रोक रखा है, जो दोनों देशों के बीच 2006 में हुए समझौते के मुताबिक यथा-स्थिति का उल्लंघन है। इसके बाद से दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने डटी हुई हैं।
चीनी मीडिया की युद्ध की धमकियों के बावजूद भारत ने साफ कर दिया है कि दोनों देशों में बातचीत तभी होगी, जब चीन अपने सैनिकों को वापस लेगा। इस बीच चीन की आक्रामक तैयारियों को देखते हुए भारत ने सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में चीन की पूरी सीमा पर जवानों की तैनाती में इजाफा कर चुका है।
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HIGHLIGHTS
- नरेंद्र बीजिंग में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में शिरकत करेंगे
- ब्रिक्स की बैठक सितंबर महीने में बीजिंग होनी है
- पिछले एक महीने से भारत-चीन के बीच सैन्य गतिरोध जारी है
Source : News Nation Bureau