प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार को वैश्विक स्तर के निवेशकों के साथ गोलमेज बैठक की अध्यक्षता करेंगे. वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये होने वाली इस बैठक में अमेरिका, यूरोप, कनाडा,कोरिया जैसे देशों के 20 शीर्ष संस्थागत निवेशक कंपनियों के प्रमुख शामिल होंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के बयान के अनुसार ‘ऑनलाइन वैश्विक निवेशक गोलमेज बैठक का आयोजन वित्त मंत्रालय और राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढांचा कोष (एनआईआईएफ) कर रहा है .
बैठक में भारत के जाने-माने उद्योगपति और व्यवसाय प्रमुख भी शामिल होंगे. बैठक में भारत के जाने-माने उद्योगपति और व्यवसाय प्रमुख भी शामिल होंगे. वर्चुअल वैश्विक निवेशक गोलमेज (वीजीआईआर) 2020 में चर्चा भारत के आर्थिक और निवेश परिदृश्य, संरचनात्मक सुधारों और सरकार के 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था को लेकर दृष्टकोण के इर्द-गिर्द होगी. आर्थिक मामलों के सचिव तरूण बजाज ने डिजिटल तरीके से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सरकारी संपत्ति कोष और पेंशन कोष समेत दुनिया के सभी प्रमुख निवेशक बैठक में शामिल होंगे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘वास्तविकता यह है कि इन निवेशकों के पास प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति 6,000 अरब डॉलर से अधिक है.’’ बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत अन्य मौजूद रहेंगे. बजाज ने कहा कि वीजीआईआर 2020 में भाग लेने वाले ये वैश्विक संस्थागत निवेशक अमेरिका, यूरोप, कनाडा, कोरिया, जापान, पश्चिम एशिया, आस्ट्रेलिया और सिंगापुर समेत प्रमुख क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं.उन्होंने कहा कि इन निवेशकों में कुछ ऐसे हैं जो पहली बार भारत सरकार के साथ जुड़ेंगे.
बजाज के अनुसार बैठक में शामिल होने वाले कुछ प्रमुख कोष टेमासेक, आस्ट्रेलियन सुपर, सीडीपीक्यू, सीपीपी इनवेस्टमेंट्स, जीआईसी, फ्यूचर फंड, जापान पोस्ट बैंक, जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कॉअपरेशन, कोरियन इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन, ओनटोरियो टीचर्स, टीचर्स रिटायरमेंट टेक्सास और पेंशन डेनमार्क शामिल हैं. बैठक में रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी, एचडीएफसी के दीपक पारेख, सन फार्मा के दिलीप सांघवी, नंदन निलेकणि (इन्फोसिस), रतन टाटा (टाटा समूह) और उदय कोटक (कोटक महिंद्रा बैंक) जैसे दिग्गज उद्योगपति शामिल होंगे और अपना अनुभव साझा करेंगे.
सचिव ने कहा, ‘‘इस सम्मेलन के पीछे विचार निवेशकों को भारत में निवेश के अवसरों, भारत की मौजूदा आर्थिक स्थिति और उनके लिये मौकों के बारे में जानकारी देना है.’’ यह बैठक प्रमुख वैश्विक निवेशकों और भारत के कारोबारी प्रमुखों को देश के वरिष्ठ नीति निर्माताओं के साथ जुड़ने तथा भारत में आगे अंतरराष्ट्रीय निवेश में तेजी लाने के उपायों के बारे में बातचीत का अवसर देगी. बजाज ने कहा, ‘‘निवेश को लेकर अगर उनकी कुछ चिंताएं हैं, तो हम उसका समाधान करेंगे और उसका उत्तर देने का प्रयास करेंगे. हम इन कोषों से पिछले पांच या छह महीनों से बातचीत कर रहे हैं. हमने उनके साथ बातचीत के आधार पर कई काम किये हैं.’’
Source : Bhasha