प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत नौसेना को सौंप दिया है. इसकी खासियत है कि यह पूरी तरह से मेक इन इंडिया है. इसे 2009 में बनना आरंभ कर दिया गया था. अब 13 साल बाद ये नौसेना को दिया जा रहा है. शुक्रवार को पीएम मोदी कोचीन शिपयार्ड पहुंचे. यहां पर उन्हें गार्ड आफ आनर दिया गया. आईएनएस विक्रांत में 2300 कंपार्टमेंट के साथ 14 डेक हैं. यह लगभग 1500 जवानों को ले जा सकती है. इनकी भोजन की जरूरत को पूरी करने के लिए इसकी रसोई में लगभग 10000 रोटियां बनाई जा सकेंगी. इस युद्धपोत में 88 मेगावाट बिजली की चार गैस टर्बाइनें लगी हैं. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले, भारतीय नौसेना हमेशा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के संकटों के लिए पहली प्रतिक्रिया के रूप में तैयार है. आईएनएस विक्रांत के आने से भारतीय नौसेना की क्षमता और मजबूत होगी.
INS विक्रांत के नौसेना में शामिल होने के मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अमृतकाल के प्रारंभ में आईएनएस विक्रांत की कमीशनिंग अगले 25 सालों में राष्ट्र की सुरक्षा के हमारे मजबूत संकल्प को दर्शाती है. आईएनएस विक्रांत आकांक्षाओं और आत्मनिर्भर भारत का एक असाधारण प्रतीक है. उन्होंने कहा आप सभी नौसेना की परंपराओं से अवगत हैं. 'ओल्ड शिप्स नेवर डाई'. 1971 के युद्ध में अपनी शानदार भूमिका निभाने वाले विक्रांत का यह नया अवतार अमृतकाल की उपलब्धि के साथ-साथ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और बहादुर फौजियों को भी एक विनम्र श्रद्धांजलि है.
Source : News Nation Bureau