पीएम मोदी ने रविवार शाम 6 बजे देश को संबोधित किया. पीएम मोदी 6 बजे मन की बात की. नए साल 2020 का पहला मन की बात की. आमतौर पर पीएम मोदी रविवार के दिन सुबह 11 बजे मन की बात करते थे. लेकिन इस बार गणतंत्र दिवस के चलते पीएम मोदी 6 बजे मन की बात की. समय में परिवर्तन इस बार पहली बार हुआ है. पीएम मोदी के रेडियो कार्यक्रम का यह 61वां संस्करण है. मन की बात कार्यक्रम में देश-विदेश के लोगों के साथ अपने विचार साझा किया.
Prime Minister @narendramodi will share his thoughts with people in the country and abroad in his '#MannKiBaat' programme on All India Radio on 26th of this month. This time programme will be broadcast at six in evening. pic.twitter.com/GHwhKGtNIX
— All India Radio News (@airnewsalerts) January 22, 2020
Can do का भाव संकल्प बनता हुआ उभर रहा है- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने मन की बात की शुरुआत गणतंत्र दिवस से की. पीएम मोदी ने कहा कि आज 26 जनवरी है, गणतंत्र पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं. 2020 का ये प्रथम ‘मन की बात’ का मिलन है. इस वर्ष का भी यह पहला कार्यक्रम है, इस दशक का भी यह पहला कार्यक्रम है. दिन बदलते हैं, हफ्ते बदल जाते हैं, महीने भी बदलते हैं, साल बदल जाते हैं, लेकिन भारत के लोगों का उत्साह और हम भी कुछ कम नहीं हैं. हम भी कुछ करके रहेंगे. Can do... ये Can do का भाव, संकल्प बनता हुआ उभर रहा है.
पीएम मोदी ने बिहार के शैलेष के कामों का किया जिक्र
‘मन की बात’ - sharing, learning और growing together का एक अच्छा और सहज platform बन गया है. हर महीने हज़ारों की संख्या में लोग, अपने सुझाव, अपने प्रयास, अपने अनुभव share करते हैं. बिहार के शैलेश के कामों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने नए साल पर मन की बात पर चार्टर बनाया है, जिसमें कई चीजों की लिस्ट बनाई गई है. इस ‘मन की बात चार्टर’ को जब मैं पढ़ रहा था, तब, मुझे भी आश्चर्य हुआ कि इतनी सारी बाते हैं! इतने सारे हैश-टैग्स हैं! और, हम सबने मिलकर ढ़ेर सारे प्रयास भी किए हैं.
जब हर भारतवासी एक कदम चलता है तो हमारा भारतवर्ष 130 करोड़ कदम आगे बढ़ाता है- पीएम मोदी
जब हर भारतवासी एक कदम चलता है तो हमारा भारतवर्ष 130 करोड़ कदम आगे बढ़ाता है. इसलिए चरैवेति, चरैवेति... का मंत्र लिए अपने प्रयास करते रहें. स्वच्छता के बाद जन-भागीदारी की भावना, participative sprite आज एक और क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही है और वह है 'जन संरक्षण'. जल संरक्षण के लिए कई व्यापक और इन्नोवेटिव प्रयास देश के हर कोने में चल रहे. मैं असम की सरकार और असम के लोगों को खेलो इंडिया की शानदार मेजबानी के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं. इस महोत्सव ओए अंदर 80 रिकॉर्ड टूटे जिसमें से 56 रिकॉर्ड तोड़ने का काम हमारी बेटियों ने किया है.
हमारा New India पूरी तरह से फिट रहे- पीएम मोदी
अगले महीने 22 फरवरी से 1 मार्च तक ओडिसा के कटक और भुवनेश्वर में पहले खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स आयोजित हो रहे हैं. इसमें भागीदारी के लिए 3 हजारे से ज्यादा खिलाड़ी क्वालीफाई कर चुके हैं. देश के करोड़ों विद्यार्थियों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के अनुभव के बाद मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि देश का युवा आत्म विश्वास से भरा हुआ है और हर चुनौती के लिए तैयार है. 18 जनवरी को यवाओं ने देशभर में cyclothon का आयोजन किया. जिसमें शामिल लाखों देशवासियों ने फिटनेस का संदेश दिया. हमारा New India पूरी तरह से फिट रहे इसके लिए हर स्तर पर जो प्रयास देखने को मिल रहे हैं, वे जोश और उत्साह से भर देने वाले हैं.
दिल्ली एक ऐतिहासिक समझौते का साक्षी बना -पीएम मोदी
पिछले दिनों में जब त्योहारों की धूम थी तब दिल्ली एक ऐतिहासिक समझौते का साक्षी बन रहा था. इसके साथ ही, लगभग 25 वर्ष पुरानी Bru-Reang refugee crisis, एक दर्दनाक chapter का अंत हुआ. समझौते के तहत अब उनके लिए गरिमापूर्ण जीवन जीने का रास्ता खुल गया है. आखिरकार 2020 का नया दशक, Bru-Reang समुदाय के जीवन में एक नई आशा और उम्मीद की किरण लेकर आया.
मिलिटेंट ग्रुप के सैकड़ों लोगों ने अपने हथियारों के साथ आत्म-समर्पण किया- पीएम मोदी
करीब 34,000 ब्रू-शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाया जाएगा. ये समझौता कई वजहों से बहुत ख़ास है. ये Cooperative Federalism की भावना को दर्शाता है. समझौते के समय मिज़ोरम और त्रिपुरा, दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री मौज़ूद थे. ये समझौता दोनों राज्यों की जनता की सहमति और शुभकामनाओं से ही सम्भव हुआ है. अभी कुछ दिनों पहले असम में 8 अलग-अलग मिलिटेंट ग्रुप के सैकड़ों लोगों ने अपने हथियारों के साथ आत्म-समर्पण किया.
North-East में insurgency बहुत-एक मात्रा में कम हुई- पीएम मोदी
जो पहले हिंसा के रास्ते पर चले गए थे, उन्होंने अपना विश्वास, शान्ति में जताया और देश के विकास में भागीदार बनने का निर्णय लिया है. देशवासियों को यह जानकर बहुत प्रसन्ता होगी कि North-East में insurgency बहुत-एक मात्रा में कम हुई है और इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इस क्षेत्र से जुड़े हर एक मुद्दे को शांति के साथ, ईमानदारी से चर्चा करके सुलझाया जा रहा है.
हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं करती- पीएम मोदी
हम इक्कीसवीं सदी में हैं, जो ज्ञान-विज्ञान और लोकतंत्र का युग है. क्या आपने किसी ऐसी जगह के बारे में सुना है जहां हिंसा से जीवन बेहतर हुआ हो? हिंसा, किसी समस्या का समाधान नहीं करती. आज गणतंत्र-दिवस के पावन अवसर पर मुझे 'गगनयान' के बारे में बताते हुए अपार हर्ष हो रहा है. 2022 में हमारी आजादी के 75 साल पूरे होने वाले हैं और उस मौके पर हमें गगनयान मिशन के साथ एक भारतवासी को अंतरिक्ष में ले जाने के अपने संकल्प को सिद्ध करना है.
पद्म-अवार्ड, अब People's Award बन चुका है- पीएम मोदी
साथियों, आपको पता ही होगा इस मिशन में astronaut यानी अंतरिक्ष यात्री के लिए 4 उम्मीदवारों का चयन कर लिया गया है. ये चारों युवा भारतीय वायु-सेना के पायलट हैं. ये होनहार युवा भारत का कौशल, प्रतिभा, क्षमता, साहस और भारत के सपनों का प्रतीक हैं. 2020 के पद्म-पुरस्कारों के लिए इस साल 46 हज़ार से अधिक नामांकन प्राप्त हुए. ये संख्या 2014 के मुक़ाबले 20 गुना से भी अधिक है. यह आँकड़े जन-जन के इस विश्वास को दर्शाते हैं कि पद्म-अवार्ड, अब People's Award बन चुका है.
Source : News Nation Bureau