प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को हैदराबाद के पास 11वीं सदी के वैष्णव संत श्री रामानुजाचार्य की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. प्रधानमंत्री की हैदराबाद यात्रा की घोषणा पिछले महीने की गई थी. श्री रामानुजाचार्य आश्रम के चिन्ना जीयर स्वामी ने पिछले साल सितंबर में पीएम मोदी से मुलाकात कर शहर का दौरा करने का आग्रह किया था. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अनुसार, उद्घाटन शाम 5 बजे होगा. प्रधानमंत्री पाटनचेरु में अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय (ICRISAT) परिसर के लिए अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान का भी दौरा करेंगे और इसकी 50 वीं वर्षगांठ समारोह की शुरुआत करेंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और दुनिया भर के कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों को भी प्रतिमा के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया है.
यह भी पढ़ें : लोकसभा में बोले असदुद्दीन ओवैसी- हमलावरों पर क्यों नहीं लगा UAPA
'स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी' के बारे में जानें 10 मुख्य बातें :
• श्री चिन्ना जीयर स्वामी आश्रम के 40 एकड़ में फैले परिसर में 216 फीट की यह प्रतिमा स्थापित की गई है
• जीयर एजुकेशन ट्रस्ट के अधिकारी सूर्यनारायण येलप्रगड़ा के अनुसार, 'स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी' बैठे हुए की स्थिति में दूसरी सबसे ऊंची है
• इसे उनके जन्म के 1,000 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में बनाया गया है. परियोजना की कुल लागत लगभग 1,000 करोड़ रुपये है
• मूर्ति पांच धातुओं - सोना, चांदी, तांबा, पीतल और टिन से बनी है. संरचना 2017 में बनाई गई थी, लेकिन अन्य निर्माणों पर काम पूरा करने में चार साल लग गए
• प्रतिमा को भद्रवेदी नामक तीन मंजिला 54-फीट संरचना पर बने एक विशाल कमल पर रखा गया है. 63,444 वर्ग फुट क्षेत्र के भूतल में रामानुजाचार्य के जीवन और उनके दर्शन की झलक प्रदान करने वाली एक चित्रमय प्रस्तुति है
• दूसरी मंजिल पर लगभग 300,000 वर्ग फुट क्षेत्र में रामानुजाचार्य का मंदिर है, जहां प्रतिदिन पूजा के लिए उनकी 120 किलो सोने की मूर्ति स्थापित की जाएगी
• 14,700 वर्ग फुट की ऊपरी मंजिल पर एक वैदिक डिजिटल पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र है
• भद्रवेदी के बाहर, मूर्ति के चारों ओर 34 एकड़ भूमि में पत्थर से निर्मित 108 दिव्य देश क्षेत्रों (देश भर में स्थित वैष्णव मंदिर) से मूर्ति घिरी होगी
• आश्रम के पदाधिकारियों ने कहा है कि वे इसे विश्वव्यापी बनाने के लिए विश्व के सभी देशों के झंडे प्रतिमा के पास स्थापित करेंगे. उनका कहना है कि यह धर्म, जाति और पंथ सहित जीवन के सभी पहलुओं में श्री रामानुजाचार्य द्वारा प्रचारित समानता के विचार के अनुसार किया जा रहा है
• प्रतिमा की परिकल्पना चिन्ना जीयर स्वामी ने की है