PM Modi Speech: 18वीं लोकसभा का आगाज हो गया है. प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रोटेम स्पीकर के तौर पर शपथ दिलाई. इसके बाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सदन की शुरुआत से पहले देश को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने 18वीं लोकसभा में 18 के अंक से लेकर लोकतंत्र के इतिहास के काले अध्याय के रूप में इमरजेंसी का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि किस तरह 25 जून देश के लिए अहम तारीख है जब लोकतंत्र को कुचला गया था. पीएम मोदी ने 2024 के विकसित भारत की परिकल्पनाओं के साथ-साथ 18वीं लोकसभा को संकल्पों का सदन बताया. आइए जानते हैं देश के नाम पीएम मोदी के संबोधन की 19 बड़ी बातें.
1.गौरवमय और वैभव का दिन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में 18वीं लोकसभा की शुरुआत को देश के लिए गौरवमय और वैभव का दिन बताया. पीएम मोदी ने कहा कि ये पहली बार जब नई संसद भवन में शपथ समारोह आयोजित किया जा रहा है.
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2. सभी नवनिर्वाचित सांसदों का स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में इस बार संसद के निचले सदन में चुनकर आए नवनिर्वाचित सदस्यों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि विकसित भारत के 2047 तक के लक्ष्य के साथ इस सत्र की शुरुआत होगी. इसमें सभी सांसदों की अहम भूमिका होगी.
3. सबको साथ लेकर चलना है
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा लक्ष्य बड़ा है और इस लक्ष्य में हमें सबको साथ लेकर चलना है. हम सबको साथ लेकर, संविधान की मर्यादाओं का पालन करते हुए निर्णयों को गति देना चाहते हैं.
4. हमारे लिए 18 अंक का सात्विक मूल्य है
लोकसभा में हमारे लिए खुशी की बात है कि युवा सांसदों की संख्या अच्छी है. हम जब 18 की बात करें तो भारत के परंपराओं को जो जानते हैं जो सांस्कृतिक विरासत से परिचित हैं हमारे यहां 18 अंकों को सात्विक मूल्य है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 18 का अंक हमें कर्म, कर्तव्य और करुणा का संदेश देता है. हमारे यहां पुराण और लोकपुराणों की संख्या भी 18 है. 18 का मूलांक 9 है और 9 पूर्णता की गारंटी देता है.
#WATCH | First session of 18th Lok Sabha | Prime Minister Narendra Modi says, "The people of the country have given us an opportunity for the third time. This is a great victory, a grand victory. Our responsibility increased threefold...So, I assure the countrymen that in our… pic.twitter.com/eBPYPFBXpR
— ANI (@ANI) June 24, 2024
5. अमृतकाल की अहम लोकसभा
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में दोहराया कि यह लोकसभा हर मायने में खास है. क्योंकि यह 18वीं लोकसभा है. 18 वर्ष में ही हमारे देश में मताधिकार के इस्ताल का अधिकार मिलता है. यही कारण है कि 18वीं लोकसभा भारत के अमृतकाल की अहम लोकसभा होगी. देश के 25 करोड़ नागरिकों को गरीबी से बाहर निकलना एक नया विश्वास पैदा करता है कि हम भारत को गरीबी से बाहर निकालने में बड़ा काम कर सकते हैं. देश के लोग परिश्रम करने में कोई कमी नहीं रखते.
6. लोकतंत्र को दबोचने की कोशिश
पीएम मोदी ने कहा कि आज हम 24 जून को मिल रहे हैं. कल 25 जून है. जो लोग इस देश के संविधान को समर्पित हैं जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिन. 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था उसके 50 वर्ष हो रहे हैं. भारत की नई पीढ़ी इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था. देश को जेल खाना बना दिया गया था. लोकतंत्र को दबोच दिया गया था.
7. आपातकाल के हो रहे 50 साल
पीएम मोदी ने कांग्रेस राज पर निशाना साधा और कहा कि आपातकाल के 50 साल हो रहे हैं. 18वीं लोकसभा हमारे लिए खास है क्योंकि यहां से संकल्प लेंगे हैं कि हम गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतंत्र और उसकी परंपराओं की रक्षा करते हुए कि भारत में इस तरह की कोई हिम्मत नहीं करेगा जो 50 वर्ष पहले किया गया था. हम संकल्प जीवंत लोकतंत्र का. हम संकल्प करेंगे भारत के संविधान के मुताबिक देश का विकास करना.
8.तीसरी बार मिला मौका, तीनगुना ज्यादा करेंगे काम
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की जनता ने हमें तीसरी बार मौका दिया है ये महान विजय है. भव्य विजय है. ऐसे में हमारा दायित्व भी तीन गुना बढ़ जाता है. ऐसे में 'मैं यह विश्वास दिलाता हूं...जो हमें मौका दिया है तीसरे कार्यकाल में पहले से तीन गुना ज्यादा मेहनत करेंगे.'
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9. विपक्ष से भी बहुत उम्मीदें
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- मान्य सभी सांसदों से देश को बहुत अपेक्षाएं हैं. सभी सांसदों से आग्रह करूंगा कि जनहित के लिए लोकसेवा के लिए हमें इस अवसर का उपयोग करें और हर संभव जनहित में कदम उठाएं. देश की जनता विपक्ष से अच्छे कदमों की अपेक्षा रखती है. अब तक जो निराशा मिली है शायद 18वीं लोकसभा में विपक्ष देश के सामान्य नागरिकों के हितों को लेकर कुछ करे. लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने में भी खरा उतरे.
सदन में सामान्य मानव की अपेक्षा रहती है कि डिबेट, विजिलेंस की. लोगों के ये अपेक्षा नहीं है नखरें होते रहें, ड्रामा होता रहे, डिस्टर्बेंस होता है. जिम्मेदार विपक्ष की देश को आवश्यकता है. 18वीं लोकसभा में हमारे जो सांसद जीतकर आए हैं वो सामान्य नागरिकों की अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे.
10. हमारा ये सदन संकल्पों का सदन बनेगा
18वीं लोकसभा संकल्पों से भरी हुई है ताकि सामान्य मानवीय के सपने साकार हों. नए सांसदों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं. सभी सांसदों का अभिनंदन करता हूं. अनेक-अनेक अपेक्षाओं के साथ हम सब मिलकर देश की जनता ने जो नया दायित्व दिया उसे बखूबी निभाएं.
Source : News Nation Bureau