प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इथियोपिया के प्रधानमंत्री डॉ. अबिय अहमद अली से फोन पर बात की. उन्हें कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई के दौरान हरसंभव मदद का भरोसा दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में भारत साथ खड़ा है. उन्होंने आवश्यक दवाओं की आपूर्ति आदि सहायता करने का आश्वासन दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, प्रधानमंत्री डॉ. अबिय अहमद अली से बात हुई. इस दौरान हमने कोविड 19 की स्थिति पर चर्चा की. भारत अफ्रीका के अन्य सभी देशों की तरह इथियोपिया के साथ मजबूती से खड़ा है. भारत संकट से निपटने के लिए आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति और अन्य सहायता प्रदान करने के लिए इथोपिया का एक विश्वसनीय भागीदार होगा.
दोनों नेताओं ने कोविड-19 महामारी से उत्पन्न घरेलू, क्षेत्रीय एवं वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की और इस स्वास्थ्य संकट के दौरान एक-दूसरे के साथ एकजुटता व्यक्त की. बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने चर्चा के दौरान इथियोपिया को आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने और महामारी के आर्थिक प्रभाव को कम करने में भारत की ओर से सहयोग देने का आश्वासन डॉ. अबिय अहमद अली को दिया. मोदी ने भारत की जनता और अपनी ओर से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में इथियोपिया के लोगों को सफलता मिलने की कामना की.
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PM मोदी ने की साझा प्रयास पर चर्चा
पीएमओ से जारी सूचना के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने इथियोपिया से भारत के घनिष्ठ संबंधों को याद करते हुए दोनों देशों के बीच उत्कृष्ट विकास साझेदारी पर जोर दिया. दोनों नेताओं ने वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए साझा प्रयास पर चर्चा की. प्रधानमंत्री मोदी ने इथियोपिया के प्रधानमंत्री को भरोसा देते हुए कहा कि दवाओं आदि कि कमी नहीं होने दी जाएगी.
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पीएम मोदी ने की कोरोना वायरस के टीका विकसित करने की समीक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस का टीका विकसित करने, औषधि खोज, रोग-निदान और परीक्षण में भारत के प्रयासों की मौजूदा स्थिति की मंगलवार को समीक्षा की. मोदी ने कोरोना वायरस टीका विकास पर एक कार्यबल की बैठक की अध्यक्षता की. आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री द्वारा की गई समीक्षा में शैक्षिक समुदाय, उद्योग और सरकार के असाधारण रूप से साथ आने का संज्ञान लिया गया. मोदी ने महसूस किया कि इस तरह का समन्वय और गति मानक संचालन प्रक्रिया में सन्निहित होनी चाहिए. बयान में कहा गया, ‘‘उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संकट में जो संभव है, वह वैज्ञानिक कार्यप्रणाली की हमारी नियमित शैली का हिस्सा होना चाहिए.
Source : News Nation Bureau