ट्रंप प्रशासन के आला अधिकारियों ने पाकिस्तान को सलाह दी है कि भारत की मोदी सरकार पाकिस्तान के साथ शांति स्थापित करने के लिये सुरक्षा से समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान को भारत के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिेये व्यापारिक संबंधों को दोबारा शुरू करना होगा।
अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन की भारत यात्रा से पहले दक्षिण एशिया पर अमेरिकी नीतियों को लेकर पूछ गए एक सवाल पर प्रतिक्रिया दी कि पाकिस्तान के साथ भारत शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए क्या कर सकता है।
नाम न बताने की शर्त पर अमेरिकी अधिकारी ने कहा, ‘यह साफ है कि प्रधानमंत्री मोदी क्षेत्र में शांति चाहते हैं, लेकिन शांति (पाकिस्तान के साथ) के लिए वे देश की सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकते। इसलिए पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता का फैसला उनपर निर्भर करता है।'
उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान बातचीत करें। हमें लगता है कि उनके लिए बात करना महत्वपूर्ण है ताकि आपसी विश्वास कायम की जा सके और क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के रास्ते पर पहुंचा जा सके। ये दोनों देशों में समृद्धि लाने के लिये जरूरी है।'
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उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि बातचीत, लगातार बातचीत पाकिस्तानी प्रशासन में खासकर सेना में समझ और विश्वास पैदा करने की कोशिश होनी चाहिये। ये दोनों देशों के लिये बेहतर होगा कि वो आपसी व्यापार को बढ़ावा दें।'
उन्होंने कहा पाकिस्तान की ओर से भारत को मिले धोखे। जैसे पठानकोट आतंकी हमला और देश के दूसरे हिस्सों में हो रहे आतंकी हमले को देखते हुए भारत ने पाकिस्तान से बातचीत रोक दी है। साथ ही कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकियों को समर्थन देना बंद नहीं करता है तब तक कोई बातचीत नहीं होगी।
विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में भी कहा था कि आतंक और बातचीत दोनों साथ नहीं चल सकते हैं। जिसे कई बार भारत ने दोहराया भी है।
अधिकारी ने कहा, 'मेरा मानना है कि भारत को इसपर अपना फैसला लेना होगा... और भारत ही बेहतर जज होगा। निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्व की क्षमता का राष्ट्रपति ट्रंप बहुत सम्मान करते हैं।'
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Source : News Nation Bureau