प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM MODI) 16 मई को बुद्ध जयंती के अवसर पर नेपाल में लुंबिनी के दर्शन करने जाएंगे. इसे लेकर तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं. पीएम के लुंबिनी आगमन पर नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा उनका स्वागत करेंगे. पीएम मोदी लुंबिनी आने के बाद सबसे पहले माया देवी मंदिर के दर्शन करेंगे. इसके बाद मंदिर परिसर में मौजूद अशोक स्तंभ के आगे दीप प्रज्जवलित करेंगे और फिर भारत द्वारा निर्माण किए जाने वाले बौद्ध विहार मंदिर का शिलान्यास भी पीएम मोदी द्वारा किया जाएगा. पीएम मोदी पांच हजार क्षमता वाले एक हाल में लोगों को संबोधित करेंगे. इसमें नेपाल में रह रहे सभी देशों के राजदूत भी शामिल रहेंगे.
सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया गया
सभा के बाद दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस किए जाने की भी संभावना है. पीएम मोदी चार वर्ष बाद नेपाल आ रहे हैं. इसके पहले वह साल 2018 में नेपाल की यात्रा पर आए थे. लुंबिनी में पीएम के आगमन को देखते हुए चार हेलीपैड के निर्माण का भी कार्य शुरू हो गया है. यह हेलीपैड संबोधन हॉल के सामने तैयार किया जा रहा है. इसमें दो हेलीपैड पीएम मोदी के लिए और दो हेलीपैड नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और दूसरे राजदूतों के लिए बनाया जा रहा है. पीएम मोदी की लुंबिनी यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया गया है. लुंबिनी और भैरहवां के होटलों के आगंतुक रजिस्टर व संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही है.
पीएम मोदी के करीब 2 घंटे के दर्शन और अन्य कार्यक्रमों के समय मंदिर परिसर में आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगी रहेगी. प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन जिस बड़े हाल में किया जाएगा वहां पर काम कर रहे मधेशी समुदाय के लोग मोदी जी को देखने के लिए काफी लालायित नजर आ रहे हैं. इनका कहना है कि मोदी जी की लोकप्रियता उन्होंने अब तक सुनी है लेकिन वह पहली बार उनको देखने का साक्षी बनने जा रहे हैं और इनको उम्मीद है कि जिस तरह से रोटी और बेटी का सम्बंध भारत से सदियों से नेपाल का है, मोदी जी उसे और मजबूत करेंगे.
धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेपाल आगमन को लेकर लोगों में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है. नेपाल के लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा ना सिर्फ धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि नेपाल के डेवलपमेंट के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा. बुद्ध पूर्णिमा के दिन जब मोदी जी नेपाल के लुंबिनी पहुंचेंगे तो मधेश समुदाय के लोगों के लिए भी आर्थिक पैकेज की घोषणा कर सकते हैं.
कोरोना काल के बाद से नेपाल में आर्थिक संकट
कोरोना काल के बाद से नेपाल में आर्थिक संकट काफी तेजी से बढ़ा है. पर्यटन के लिए जाना जाने वाला नेपाल आज पर्यटकों की कमी की वजह से काफी संकट चल रहा है. प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर नेपाल के होटल व्यवसायियों को भी उम्मीद जगी है की न सिर्फ नेपाल का पर्यटन व्यवसाय बढ़ेगा बल्कि भारत की मदद से नेपाल को एक बड़ा आर्थिक पैकेज भी मिल सकेगा.
लाखों की संख्या में भारत से पर्यटक पहुंचते हैं
गौरतलब है कि नेपाल हिंदू तथा बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक बड़ा तीर्थ स्थल माना जाता है. नेपाल के काठमांडू में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में हर साल लाखों की संख्या में भारत से पर्यटक पहुंचते हैं वहीं भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी में भी बौद्ध धर्म को मानने वाले दर्जनों देशों के लाखों श्रद्धालु हर साल आते रहे हैं, लेकिन 2 वर्ष पहले कोरोना वायरस के कारण नेपाल आने वाले पर्यटकों की संख्या में 80 फीसदी तक गिरावट आई है और यहां का पर्यटन उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. इसी आर्थिक संकट के कारण नेपाल में भारत से आने वाले 300 से अधिक लग्जीरियस सामानों पर प्रतिबंध भी लगा दिया है ताकि अर्थव्यवस्था को थोड़ा संभाला जा सके.
HIGHLIGHTS
- पीएम मोदी पांच हजार क्षमता वाले एक हाल में लोगों को संबोधित करेंगे
- दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस किए जाने की भी संभावना है