पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) केरल दौरे पर हैं. शुक्रवार को यानि आज पीएम मोदी कोच्चि से भारत में निर्मित विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) को नौसेना में शामिल करने वाले हैं. इसे मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है. यह पिछले पोतों के मुकाबले सबसे बड़ा विमानवाहक पोत माना गया है. भारत से पहले अब तक मात्र पांच ऐसे देश हैं जिन्होंने 40 हजार टन से ज्यादा वजनी एयरक्राफ्ट कैरियर बनाया है. आईएनएस विक्रांत का वजन 45 हजार टन बताया गया है. भारतीय नौसेना के वाइस चीफ एडमिरल एस एन घोरमडे के अनुसार, आईएनएस विक्रांत हिंद प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ाने में येागदान देगा.
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उन्होंने कहा कि आईएनएस विक्रांत पर विमान उतारने का परीक्षण नवंबर माह में होगा. यह परीक्षण 2023 के मध्य तक पूरा होने वाला है. उन्होंने कहा कि युद्ध्पोत पर मिग 29 के जेट विमान पहले कुछ सालों के लिए उतारे जाएंगे.
INS विक्रांत का निर्माण
इस पोत का डिजाइन नौसेना के वारशिप डिजाइन ब्यूरो ने बनाया है. इसका निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की शिपयार्ड कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है. बीते वर्ष 21 अगस्त से अब तक समुद्र में परीक्षण के कई चरण को सफलता से पूरा किया गया है. इसे नौसेना की सेवा में लगाया जाएगा ताकि इसका परीक्षण किया जा सके.
इसलिए ये नाम पड़ा
इस पोत के पहले विक्रांत ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम रोल अदा किया है. इसी के नाम पर इस नए पोत का नाम तय किया गया.
262 मीटर लंबा जहाज
जहाज निर्माण का पहला चरण अगस्त 2013 में जहाज के सफल प्रक्षेपण के साथ पूरा हुआ. यह 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है. जहाज ने 7500 समुद्री मील की दूरी तय की है. जहाज में लगभग 2200 कमरे हैं. इन्हें चालक दल के लगभग 1600 सदस्यों के लिए तैयार किया गया है.
HIGHLIGHTS
- 40 हजार टन से ज्यादा वजनी एयरक्राफ्ट कैरियर बनाया
- पिछले पोतों के मुकाबले सबसे बड़ा विमानवाहक पोत
- आईएनएस विक्रांत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा