कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) अलर्ट मोड में हैं. पिछले दिनों उन्होंने पूर्वोत्तर के 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी. इसी कड़ी में आज पीएम मोदी दक्षिण भारत के 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल मीटिंग करेंगे. इस बैठक में तमिलनाडु (Tamil Nadu), आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh), कर्नाटक (Karnataka), केरल (Kerala), ओडिशा (Odisha) और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शामिल होंगे. इस बैठक में राज्यों में कोरोना की स्थिति और इससे निपटने को लेकर चर्चा हो सकती है.
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में हिल स्टेशन और बाजारों में मास्क के नियमों की अनदेखी कर रहे लोगों को लेकर चिंता जाहिर की थी. पीएम मोदी ने कहा कि माइक्रो-कंटेनमेंट जोन पर भी जोर देने की बात कही थी. केरल को छोड़कर इन राज्यों में भारत के 73.4 फीसदी नए मामले पाए गए हैं. 13 जुलाई को अंत हुए सप्ताह के दौरान देश के कुल 55 जिले ऐसे थे, जहां कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा था. खास बात यह है कि ओडिशा और तमिलनाडु का नाम उन राज्यों की सूची में शामिल है, जो वैक्सीन की कमी की शिकायत करते रहे हैं. ओडिशा में वैक्सीन के अभाव में इस हफ्ते टीकाकरण कार्यक्रम पर रोक दिया गया था. राज्य के स्वास्थ्य सचिव पीके महापात्रा ने कहा था, 'जुलाई के लिए कोविशील्ड के 25 लाख डोज का आवंटन किया गया था. जबकि, हमें इस महीने दूसरे डोज के लिए कम से कम 28.3 लाख खुराकों की जरूरत थी.'
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देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार कमी देखी जा रही है. हालांकि दो दिन से मामलों में थोड़ी तेजी गई है. इसी बीच भारत में तीसरी लहर के चेतावनी जारी कर दी गई है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) में हेड ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज, डॉ समीरन पांडा ने यह अनुमान जताया है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर अगस्त के अंत तक आ सकती है हालांकि इसका असर दूसरी लहर के कुछ कम होगा. डॉ. पांडा का कहना है कि भारत ने दूसरी लहर के दौरान जिस तरह के भयावत तस्वीर देखी है, वैसा तीसरी लहर में नहीं होगा.
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तीसरी लहर के ये हैं बड़े कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर का सबसे बड़ा कारण पहली और दूसरी लहर में हासिल की गई इम्युनिटी का कम होना है. डॉ. पांडा का कहना है कि अगर इम्युनिटी नीचे जाती है तो तीसरी लहर जल्द ही आएगी. वहीं अभी तक लोगों के अंदर जो इम्यूनिटी है उस पर नया वेरिएंट बढ़त बना सकता है. उन्होंने बताया अगर वेरिएंट इम्युनिटी को पार नहीं कर पाता है तो इसकी प्रकृति तेजी से फैलने वाली हो सकती है जिसे उन्होंने तीसरे कारक के रूप में बताया. डॉ. पांडा ने कहा कि राज्यों के जल्दीबाजी में प्रतिबंध हटाने से तीसरी लहर का खतरा और बढ़ गया है. इससे पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने वैश्विक साक्ष्य और महामारियों के इतिहास को देखते हुए सोमवार को कहा था कि तीसरी लहर अटल है और यह नजदीक है.
HIGHLIGHTS
- दक्षिण भारत के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे पीएम मोदी
- संक्रमण रोकने और वैक्सीन की स्थिति को लेकर हो सकती है चर्चा
- पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मंगलवार को की थी बैठक