गति शक्ति प्रोजेक्ट (Gati Shakti Master Plan) के जरिए देश में बड़े स्तर पर बदलाव होने वाले हैं. 13 अक्टूबर को नरेंद्र मोदी इस प्रोजेक्ट की रूप-रेखा को सामने रखने वाले हैं. देश की विकास यात्रा को तेज करने को लेकर इस मेगा प्रोजेक्ट में कई सारे प्रावधान रखे गए हैं. इसके तहत प्रमुख इंफ्रा कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट को लेकर एक कॉमन टेंडर लाने की तैयारी हो रही है. गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गतिशक्ति प्रोजेक्ट का ऐलान किया था. पीएम गति शक्ति परियोजना का लक्ष्य केंद्रीय एजेंसियों, राज्य एजेंसियों, शहरी स्थानीय निकायों और निजी क्षेत्र के बीच प्रभावी तरह से समन्वय स्थापित करना है.
इसके साथ क्षेत्र में ग्रीनफील्ड सड़कों, रेल और ऑप्टिकल फाइबर केबल, गैस लाइनों और बिजली लाइनों जैसी उपयोगिताओं से जुड़ी गतिविधियों को भी आगे बढ़ाना है. इसके जरिए चुनिंदा भौगोलिक क्षेत्रों में सिंगल नोडल एजेंसी को ये काम सौंपा जाएगा. इससे कॉमन टेंडर सहित सभी गतिविधियों को शुरू करा जान है.
प्रोजेक्ट में परेशानी को कम करना है उद्देश्य
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पीएम मोदी इस उपाय को लेकर इच्छुक हैं. गति शक्ति मास्टर प्लान का उद्देश्य किसी भी प्रोजेक्ट में परेशानी को कम करना है. इसके जरिए बेहतर लागत और तुरंत मंजूरी प्रदान करना है. अधिकारी के अनुसार, ‘सरकार के अंदर कॉमन टेंडरिंग एक चुनौतीपूर्ण भरा काम है, मगर इसे हासिल करा जा सकेगा। ये असली गेम-चेंजर साबित हो सकता है. पीएम का जोर सरकार में गति शक्ति मास्टरप्लान को जमीन स्तर पर जाने का है.
HIGHLIGHTS
- पीएम मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गतिशक्ति प्रोजेक्ट का ऐलान किया था.
- गति शक्ति मास्टर प्लान का उद्देश्य किसी भी प्रोजेक्ट में परेशानी को कम करना है.
Source : News Nation Bureau