बनारस को मोक्ष का द्वारा समझा जाता है. यहां के महाश्मशान में खुद भगवान् शंकर मोक्ष प्रदान करते हैं. ऐसे में अब काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका तीर्थ का जीर्णोद्धार कराने का जिम्मा काशी के सांसद नरेंद्र मोदी ने उठाया है. काशी के महाश्मशान तक पहुंचने के लिए बनारस की गलियों से होकर पहुंचना पड़ता है. भगवान शिव की नगरी मोझ दायिनी कहा गया है. ऐसी मान्यता है कि महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार से मुक्ति का मार्ग निकलता है. यहा के खास घाट मणिकर्णिका घाट के पुनर्विकास के काम का शिलान्यास पीएम करने वाले हैं. योगी सरकार भी इस काम में जुटी हुई है.
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घाट के आसपास हेरिटेज भवनों और मंदिनों के पुनर्विकास की योजना पर काम हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मणिकर्णिका घाट से तारकेश्वर मंदिर तक की इमारत को नागर शैली में विकसित किया गया है. बताया जा रहा है कि घाट और आसपास के ऐतिहासिक भवनों और मंदिरों का पुनर्विकास 17.56 करोड़ की लागत से प्रस्तावित है. इसके अलावा शव और शव यात्रियों के लिए अलग-अलग रास्ते, शवदाह से पहले वाले धार्मिक रीति रिवाज आदि को लेकर विशेष स्थान, शव स्नान आदि की व्यवस्था भी गई है.
शवदाह के लिए आने वाले लोगों को परेशानी न हो इसके लिए बेतरतीब लकड़ियों के लिए व्यवस्थित प्लाजा बनवाया जाएगा ताकि लकड़ियों को स्टोर किया जा सके. इसके साथ घाट तक लड़कियों ने ले जाने के लिए रैम्प की व्यवस्था की जाएगी. शौचालय, पीने के पानी की व्यवस्था की जाएगी.
HIGHLIGHTS
- पुनर्विकास के काम का शिलान्यास पीएम करने वाले हैं
- भगवान शिव की नगरी मोझ दायिनी कहा गया है