पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सफदर जंग के नर्सिंग ऑफिसर मनु जोसेफ को एक बधाई संदेश का पत्र लिखा, इस पत्र में उन्होंने मेडिकल टीम के प्रत्येक सदस्य को बधाई दी है जो कि वुहान में कोरोना वायरस की वजह से फंसे भारतीयों को निकाल कर वापस लाने में शामिल थे. आपको बता दें कि चीन के शहर वुहान में कोरोना वायरस के चलते वहां पर एक हजार से भी ज्यादा लोगों की जान चली गई है जबकि 45 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस के चलते चीन में प्रभावित हैं. आपको बता दें कि जोसेफ भी उसी टीम के सदस्य हैं जिन्होंने कोरोना वायरस के आतंक से देशवासियों को बाहर निकालने में मदद की है.
PM Modi writes to members of medical team that rescued Indians from coronavirus-hit Wuhan
— ANI Digital (@ani_digital) February 17, 2020
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पीएम मोदी ने इस पत्र में लिखा है, 'कोरोनो वायरस प्रकोप का केंद्र रहे वुहान से हमारे नागरिकों को निकालने में सफदरजंग और राममनोहर लोहिया अस्पताल से गई टीमों के प्रयास बहुत ही सराहनीय हैं. कोरोना वायरस के प्रकोप ने पूरी दुनिया को चिंतित कर दिया है. ऐसे संकट के समय भारतीयों की चीन से निकासी ने न केवल वहां फंसे लोगों की जान बचाई बल्कि पूरी दुनिया में बसे भारतीयों को एक बार फिर से आश्वस्त किया है कि अगर कोई ऐसा संकट उनके सामने आता है तो पूरा देश उनके साथ मजबूती से खड़ा है. आप इसी संकल्प और गौरव के साथ देश की सेवा करना जारी रख सकते हैं.'
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उन्होंने आगे लिखा, भारतीयों को बचाने के लिए चीन पहुंची भारतीय डॉक्टरों की 10 सदस्यीय टीम में डॉ. आनंद विशाल, डॉ. पुलिन गुप्ता, डॉ. संजीत पनेसर, अजो जोस और राम मनोहर लोहिया अस्पताल के सरथ प्रेम, डॉ. योगेश चंद्र पोरवाल, डॉ. रूपाली मलिक और सफदरजंग अस्पताल के राजेश कुमार शामिल थे के अलावा हवाई अड्डे के स्वास्थ्य संगठन की सुजाता आर्य शामिल थीं.
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वहीं वुहान गए डाक्टर्स की टीम ने बताया भारत सरकार के विमान और डाक्टर्स को देखकर वुहान में फंसे भारतीय इतने ख़ुश नज़र आए और वहां भारत माता की जय के नारे लगने लगे, कई लोग रोने भी लगे उन्हें उमीद ही नहीं थी की कोई उन्हें बचाने आएगा. डाक्टर्स ने बताया वो खुद भी काफ़ी डरे हुए थे ये सोचकर कि क्या उन्हें कोरोना वाइरस के सिम्प्टम्ज़ ना हो जाए अपने परिवार के लिए हम डरे हुए थे, लेकिन हमें पता था की यह हमारी ज़िम्मेदारी है.