केंद्रीय कैबिनेट में विस्तार की अटकलों के बीच मंगलवार शाम को पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से बुलाई गई मीटिंग रद्द हो गई है. पीएम मोदी ने 6, 7 और 8 जुलाई को होने वाली पहले से तय सभी बैठकों को रद्द कर दिया है. मंगलवार शाम को होने वाली बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई मंत्रियों को शामिल होना था. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में यह पहला मौका है, जब कैबिनेट विस्तार की चर्चा चल रही है. इसकी वजह अगले साल 5 राज्यों में होने वाले चुनावों को भी माना जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी चाहती है कि इस विस्तार में क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन को साधा जा सके.
बीजेपी मुख्यालय से सांसदों को फोन से बढ़ी अटकलें
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा के यहां से कुछ सांसदों को पोन गया है. फोन पर कहा गया दिल्ली पहुंचिए और मिलिए. नड्डा अपने हिमाचल दौरे से दोपहर को दिल्ली लौट रहे हैं. केंद्रीय कैबिनेट विस्तार को लेकर महाराष्ट्र से नारायण राणे, कपिल पाटिल, डॉ भागवत कराड, रणजीत सिंह निंबालकर के नाम की चर्चा है. सूत्रों के मुताबिक इन्हें बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के दफ्तर से फोन आया है. राणे आज दिल्ली पहुंच रहे हैं.
इससे पहले 20 जून को भी पीएम नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों के साथ एक मीटिंग की थी. इस दौरान उन्होंने 2019 से लेकर 2021 तक सरकार के कामकाज को लेकर बात की थी और मंत्रियों का फीडबैक भी लिया था. केंद्रीय कैबिनेट में कुल 79 मंत्री हो सकते हैं, जिनमें से फिलहाल 53 ही हैं. इस तरह से 26 नए मंत्रियों के लिए पद खाली हैं. खासतौर पर उत्तर प्रदेश, हिमाचल जैसे राज्यों को लेकर पार्टी चिंतित है. इस बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया, असम के पूर्व सीएम सर्वानंद सोनोवाल, एलजेपी नेता पशुपति नाथ पारस जैसे नेताओं के नाम चर्चा में हैं. सिंधिया ने बीते साल ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था.