प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकॉक में आयोजित भारत-आसियान तथा पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन 2019 से इतर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से मुलाकात की. बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति का जायजा लिया और इस बात का संज्ञान लिया कि हर स्तर पर लगातार होने वाली उच्चस्तरीय बैठकों और आदान-प्रदान ने संबंधों को सकारात्मक गति प्रदान की है. दोनों नेताओं ने भारत-आसियान द्वपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की इच्छा दोहराई.
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए मुक्त, खुले, पारदर्शी और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र के प्रति अपनी कटिबद्धता दोहराई. दोनों नेताओं ने कहा कि दोनों देशों के रणनीतिक और आर्थिक हित साझा हैं और द्वपक्षीय, क्षेत्रीय तथा बहुपक्षीय आधार पर एक दूसरे के साथ काम करने का अवसर पैदा करते हैं. रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में बढ़े सहयोग के मद्देनजर दोनों पक्षों ने समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. दोनों नेताओं ने उग्रवाद और आतंकवाद के खतरे पर चर्चा की तथा इस खतरे से निपटने के लिए नजदीकी सहयोग पर बल दिया.
RCEP में PM मोदी का मास्टर स्ट्रोक, कहा- अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत
भारत ने मुक्त व्यापार समझौता में शामिल होने से इनकार कर दिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी भागीदारी (RCEP) समझौते में शामिल न होने का फैसला किया है. इस समझौते में पीएम नरेंद्र मोदी की कुछ प्रमुख मुद्दों को शामिल नहीं किया गया है जिसके वजह से उन्होंने यह कहते हुए इस समझौते से इनकार कर दिया है कि भारत अपने कोर हितों से कोई समझौता नहीं करेगा. आपको बता दें कि पीएम मोदी के मुताबिक आरसीईपी (RCEP) समझौता इसकी मुख्य उद्देश्य को प्रकट नहीं कर रहा है इसका परिणाम उचित या संतुलित नहीं है.
आपको बता दें कि इस समझौते में कुछ मुद्दे भारत की समस्याओं को दूर करते हुए नहीं दिखाई दे रहे थे इनमें से प्रमुख मुद्दे चीन के साथ अपर्याप्त अंतर, आयात वृद्धि के खिलाफ अपर्याप्त सुरक्षा, उत्पत्ति के नियमों की संभावित ढकोसला, 2014 के रूप में आधार वर्ष को ध्यान में रखते हुए और बाजार पहुंच व गैर टैरिफ बाधाओं पर कोई विश्वसनीय आश्वासन नहीं दिया गया. जिसकी वजह से भारत ने इस समझौते में शामिल होने से इनकार कर दिया है.
Source : आईएएनएस