लोकसभा और राज्यसभा टीवी का विलय हो गया है, जोकि अब संसद टीवी के नाम से जाना जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM narendra modi) ने बुधवार को संसद टीवी का शुभारंभ किया है. इसके बाद पीएम मोदी (PM Modi) ने संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन हमारी संसदीय व्यवस्था में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ रहा है. आज देश को संसद टीवी के रूप में संचार और संवाद का एक ऐसा माध्यम मिल रहा है जो देश के लोकतंत्र और जनप्रतिनिधियों की नई आवाज के रूप में काम करेगा.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश को संचार का एक नया माध्यम मिल रहा है जो भारत के युवाओं और लोकतंत्र की आवाज के रूप में काम करेगा. आज दूरदर्शन ने भी 62 साल पूरे कर लिए हैं और बहुत सारे लोगों ने इसकी यात्रा में योगदान दिया है. उन्होंने आगे कहा कि बदलते समय में मीडिया और टीवी चैनल की भूमिका भी तेजी से बदल रही है. 21वीं सदी तो विशेष रूप से संचार और संवाद के जरिए revolution ला रही है. ऐसे में ये स्वाभाविक है कि हमारी संसद से जुड़े चैनल भी इन आधुनिक व्यवस्थाओं के हिसाब से खुद को ट्रान्स्फॉर्म करें.
उन्होंने आगे कहा कि संसद टीवी के रूप में एक नई शुरुआत हो रही है. संसद टीवी सोशल मीडिया और ओटीटी पर भी उपलब्ध होगा. यह आवेदन प्रारूप में भी उपलब्ध होगा. इसे आम भारतीय के करीब ले जाएंगे. भारत के लिए लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं है, एक विचार है. भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संवैधानिक स्ट्रक्चर ही नहीं है, बल्कि वो एक स्पिरिट है. भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संविधाओं की धाराओं का संग्रह ही नहीं है, ये तो हमारी जीवन धारा है.
पीएम ने कहा कि हमारी संसद में जब सत्र होता है, अलग-अलग विषयों पर बहस होती है तो युवाओं के लिए कितना कुछ जानने सीखने के लिए होता है. हमारे माननीय सदस्यों को भी जब पता होता है कि देश हमें देख रहा है तो उन्हें भी संसद के भीतर बेहतर आचरण की, बेहतर बहस की प्रेरणा मिलती है. मुझे उम्मीद है कि संसद टीवी पर जमीनी लोकतंत्र के रूप में काम करने वाली पंचायतों पर भी कार्यक्रम बनाए जाएंगे. ये कार्यक्रम भारत के लोकतंत्र को एक नई ऊर्जा और नई चेतना देंगे.
Source : News Nation Bureau