पीएम मोदी आज लाल किले से करेंगे देश को संबोधित, जानें कब और कौन होंगे साथ में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शनिवार को लाल किले पर होने वाले 74वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्र का नेतृत्व करेंगे.

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Deepak Pandey
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)( Photo Credit : फाइल फोटो)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शनिवार को लाल किले पर होने वाले 74वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्र का नेतृत्व करेंगे. वह राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और परंपरागत रूप से इस प्रतिष्ठित स्मारक की प्राचीर से राष्ट्र के नाम संबोधन देंगे. पीएम मोदी सुबह 07.18 बजे लाल किले के लाहौरी गेट पर पहुंचेंगे. इस दौरान उनकी अगवानी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार करेंगे. IndependenceDay2020

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रक्षा सचिव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सामान्य कमान अधिकारी (जीओसी), दिल्ली क्षेत्र लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा को रूबरू कराएंगे. जीओसी दिल्ली सलामी मंच तक के लिए प्रधानमंत्री आगे-आगे चलेंगे, जहां अंतर-सेवा और पुलिस गॉर्ड्स द्वारा उन्हें सामान्य सलामी दी जाएगी. उसके बाद प्रधानमंत्री गॉर्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करेंगे.

प्रधानमंत्री के लिए गॉर्ड ऑफ ऑनर दस्ते में थल सेना, नौसेना, वायुसेना और दिल्ली पुलिस से एक-एक अधिकारी और 24 जवान शामिल होंगे. गॉर्ड ऑफ ऑनर को राष्ट्रीय ध्वज के सामने प्राचीर के नीचे तैनात किया जाएगा. इस साल थल सेना के समन्वय सेवा की भूमिका में होने के कारण गॉर्ड ऑफ ऑनर का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव एस येवालकर करेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गॉर्ड के थल सेना दस्ते का नेतृत्व मेजर पलविंदर ग्रेवाल, नौसेना दस्ते का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर केवीआर रेड्डी करेंगे, वहीं स्क्वाड्रन लीडर विकास कुमार वायुसेना दस्ते का और अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जितेंद्र कुमार मीणा दिल्ली पुलिस दस्ते का नेतृत्व करेंगे. गढ़वाल राइफल्स की दूसरी बटालियन की स्‍थापना 01 मार्च 1901 को लेफ्टिनेंट कर्नल जेटी इवाट के सक्षम नेतृत्व में लैंसडाउन में की गई थी.

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यह भारतीय सेना की सबसे बेहतरीन बटालियनों में से एक है, जिसका एक दशक से भी अधिक समय से शानदार और उत्‍कृष्‍ट सेवा देने का इतिहास रहा है. बटालियन ने प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध में ग्यारह युद्ध सम्मान जीते हैं, जो किसी भी स्‍तर से श्रेष्‍ठ हैं. स्वतंत्रता के बाद, बटालियन ने 1965 के युद्ध में सक्रिय भागीदारी की. इसे ऑपरेशन रक्षक में 1994 से 1996 और 2005 से 2007 के बीच सेवा करने का अवसर मिला. बटालियन ने 80 से अधिक आतंकवादियों का सफाया किया था.

गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर की ओर बढ़ेंगे, जहां उनका स्वागत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवाने, नौसेना अध्‍यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह और वायुसेना अध्‍यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस. भदौरिया करेंगे. दिल्ली क्षेत्र के जीओसी राष्ट्रीय प्रधानमंत्री को ध्वज फहराने के लिए लालकिले की प्राचीर पर बने मंच पर ले जाएंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने पर नेशनल गार्ड राष्ट्रीय ध्वज को 'राष्ट्रीय सलामी' देंगे. आर्मी ग्रेनेडियर्स रेजिमेंटल सेंटर का मिलिट्री बैंड राष्ट्रीय ध्वज फहराने और 'राष्ट्रीय सलामी' के दौरान राष्ट्रगान बजाएगा. वर्दी में सभी सेवा कर्मी खड़े होंगे और सलामी देंगे, शेष सभी लोग खड़े होकर राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान देंगे. बैंड की कमान सूबेदार मेजर अब्दुल गनी के हाथों में होगी.

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मेजर श्वेता पांडे राष्ट्रीय ध्वज फहराने में प्रधानमंत्री की सहायता करेंगी. 2233 फील्ड बैटरी (सेरेमोनियल) के तोप चलाने वाले बहादुर सैनिकों द्वारा 21 तोपों की सलामी के साथ तिरंगा फहराया जाएगा. सेरेमोनियल बैटरी की कमान लेफ्टिनेंट कर्नल जितेंद्र सिंह मेहता और गन पोजिशन ऑफिसर नायब सूबेदार (एआईजी) अनिल चंद के पास होगी.

सेना, नौसेना, वायुसेना और दिल्ली पुलिस प्रत्येक से एक ऑफिसर और 32 पुरुषों वाला राष्ट्रीय ध्वज गार्ड प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय ध्वज फहराने के दौरान राष्ट्रीय सलामी पेश करेगा. सेना के मेजर सूर्य प्रकाश इस इंटर-सर्विसेज गार्ड और पुलिस गार्ड की कमान संभालेंगे. राष्ट्रीय ध्वज गार्ड के लिए नौसेना दल की कमान लेफ्टिनेंट कमांडर विवेक टिंग्लू, वायुसेना दल की कमान स्क्वॉड्रन लीडर मयंक अभिषेक और दिल्ली पुलिस दल की कमान अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त सुधांशु धामा संभालेंगे.

राष्ट्रीय ध्वज गार्ड के लिए सैन्य दल को फर्स्ट गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन से लिया गया है. फर्स्ट गोरखा राइफल्स की एलीट 5वीं बटालियन को शुरू में जनवरी 1942 में धर्मशाला में खड़ा किया गया था और बाद में दिसंबर 1946 में भंग कर दिया गया था. इसे 01 जनवरी 1965 को सोलन (हिमाचल प्रदेश) में फिर से खड़ा किया गया था.

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बटालियन ने 1971 में पूर्वी पाकिस्तान में 'ऑपरेशन कैक्टस लिटी' के दौरान अपनी क्षमता साबित की और इसके लिए बटालियन को तीन महावीर चक्र और दो वीर चक्र से सम्मानित किया गया. बटालियन को 2008 से 2009 तक सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के लिए सेवा करने का भी अवसर मिला. वर्तमान में बटालियन, राष्ट्रपति के सेरेमोनियल आर्मी गार्ड का सम्मानजनक कर्तव्य निभा रही है.

राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री का भाषण समाप्त होने के बाद, राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट राष्ट्रगान गाएंगे. सभी उपस्थित लोगों से अनुरोध किया जाएगा कि वे अपनी जगह पर खड़े हो जाएं और राष्ट्रगान के गायन में शामिल हों. वर्दी में उपस्थित सैन्यकर्मियों को इस दौरान सलामी देने की आवश्यकता नहीं होगी. राष्ट्रीय उत्साह के इस त्योहार में विभिन्न स्कूलों के 500 एनसीसी कैडेट्स (सेना, नौसेना और वायुसेना) हिस्सा लेंगे.

Source : News Nation Bureau

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