प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सद्गुरु सदाफल देव विहंगम योग संस्थान के 98वें वर्षगांठ समारोह को संबोधित किया है. पीएम मोदी ने कहा कि काशी की ऊर्जा अक्षुण्ण तो है ही, ये नित नया विस्तार भी लेती रहती है. मंगलवार को काशी ने भव्य ‘विश्वनाथ धाम’ को महादेव के चरणों में अर्पित किया. उन्होंने कहा कि आज गीता जयंती का पुण्य अवसर है. आज के ही दिन कुरुक्षेत्र की युद्ध की भूमि में जब सेनाएं आमने-सामने थीं, मानवता को योग, आध्यात्म और परमार्थ का परम ज्ञान मिला था.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस अवसर पर भगवान कृष्ण के चरणों में नमन करते हुए आप सभी को, सभी देशवासियों को गीता जयंती की हार्दिक बधाई देता हूं. मैं सद्गुरु सदाफल देव जी को नमन करता हूं, उनकी आध्यात्मिक उपस्थिति को प्रणाम करता हूं. मैं श्री स्वतंत्रदेव जी महाराज और श्री विज्ञानदेव जी महाराज का भी आभार व्यक्त करता हूं जो इस परंपरा को जीवंत बनाए हुए हैं, नया विस्तार दे रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हमारा देश इतना अद्भुत है कि, यहां जब भी समय विपरीत होता है, कोई न कोई संत-विभूति, समय की धारा को मोड़ने के लिए अवतरित हो जाती है. ये भारत ही है जिसकी आजादी के सबसे बड़े नायक को दुनिया महात्मा बुलाती है.
उन्होंने कहा कि बनारस जैसे शहरों ने मुश्किल से मुश्किल समय में भी भारत की पहचान के, कला के, उद्यमिता के बीजों को सहेजकर रखा है. जहां बीज होता है, वृक्ष वहीं से विस्तार लेना शुरू करता है और इसीलिए, आज जब हम बनारस के विकास की बात करते हैं, तो इससे पूरे भारत के विकास का रोडमैप भी बनता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गौदोलिया में जो सुंदरीकरण का काम हुआ है, देखने योग्य बना है. वहां कितने ही लोगों से मेरी बातचीत हुई. मैंने मडुवाडीह में बनारस रेलवे स्टेशन भी देखा. इस स्टेशन का भी अब कायाकल्प हो चुका है. पुरातन को समेटे हुए नवीनता को धारण करना, बनारस देश को नई दिशा दे रहा है.
उन्होंने कहा कि मैं जब काशी आता हूं या दिल्ली में भी रहता हूं तो प्रयास रहता है कि बनारस में हो रहे विकास कार्यों को गति देता रहूं. कल रात 12 बजे के बाद जैसे ही मुझे अवसर मिला, मैं फिर निकल पड़ा था अपनी काशी में जो काम चल रहे हैं, जो काम किया गया है, उनको देखने के लिए.
पीएम मोदी ने कहा कि स्वाधीनता संग्राम के समय सद्गुरु ने हमें मंत्र दिया था- स्वदेशी का. आज उसी भाव में देश ने अब ‘आत्मनिर्भर भारत मिशन’ शुरू किया है. आज देश के स्थानीय व्यापार-रोजगार को, उत्पादों को ताकत दी जा रही है, लोकल को ग्लोबल बनाया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि एक और संकल्प हो सकता है पानी बचाने को लेकर. हमें अपनी नदियों को, गंगा जी को, सभी जलस्रोतों को स्वच्छ रखना है.
PM ने कहा कि जैसे एक संकल्प हो सकता है- हमें बेटी को पढ़ाना है, उसका स्किल डवलपमेंट भी करना है. अपने परिवार के साथ साथ जो लोग समाज में ज़िम्मेदारी उठा सकते हैं, वो एक दो गरीब बेटियों के स्किल डवलपमेंट की भी ज़िम्मेदारी उठाएं. उन्होंने आगे कहा कि मैं आज आप सभी से कुछ संकल्प लेने का आग्रह करना चाहता हूं. ये संकल्प ऐसे होने चाहिए जिसमें सद्गुरु के संकल्पों की सिद्धि हो और जिसमें देश के मनोरथ भी शामिल हों. ये ऐसे संकल्प हो सकते हैं जिन्हें अगले दो साल में गति दी जाए, मिलकर पूरा किया जाए.
HIGHLIGHTS
- प्रधानमंत्री ने सद्गुरु सदाफल देव विहंगम योग संस्थान को किया संबोधित
- काशी ने भव्य ‘विश्वनाथ धाम’ को महादेव के चरणों में अर्पित किया : PM
- मेरा प्रयास रहता है कि बनारस में हो रहे विकास कार्यों को गति देता रहूं
Source : News Nation Bureau