प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बेहद की खास दौरे पर अमेरिका पहुंच चुके हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दशकों से चली आ रही परंपरा को तोड़ दिया है. विशेष विमान एयर इंडिया वन से वह सीधे अमेरिका पहुंचे हैं. पिछले कई वर्षों से अमेरिका जाने वाले प्रधानमंत्री अब तक जर्मनी के फ्रैंकफर्ट शहर में रुकते थे और इसके बाद वहां से फिर अमेरिका के लिए रवाना होते थे. हालांकि इस बार पीएम मोदी भारत से सीधे अमेरिका पहुंचे हैं. दिल्ली से न्यूयॉर्क के बीच के 13 घंटे के सफर को बिना रुके पूरा किया गया.
दरअसल भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे वीवीआईपी के लिए भारत ने पिछले साल अक्टूबर में ही एयरक्राफ्ट एयर इंडिया वन को एयर इंडिया के बेड़े में शामिल किया गया था. इस विमान को खरीदने पर करीब 4500 करोड़ रुपये का खर्च आया है. यह विमान कई अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. यह विमान 900 किलोमीटर की रफ्तार से उड़ान भर सकता है. बेहद सेफ इस जहाज के अगले हिस्से में जैमर लगा है जो दुश्मन के रेडार सिग्नल को जाम कर देता है. इस पर मिसाइल हमले का भी असर नहीं होता. यह विमान हवा से हवा में ही फ्यूल भरने में सक्षम है.
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फ्रैंकफर्ट में रोका जाता था विमान
इससे पहले प्रधानमंत्री जब भी अमेरिका दौरे पर जाते थे तो विमान में तेल भरने के लिए विमान को अक्सर फ्रैंकफर्ट हवाई अड्डे पर रोका जाता था. इस बार जब विमान ने उड़ान भरी और पाकिस्तानी एयरस्पेस का इस्तेमाल करते हुए अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र से बचते हुए ईरान के रास्ते अमेरिका के लिए रवाना हुए. इससे पहले पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने भी श्रीलंका की यात्रा करते समय भारत के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया था. ऐसा दूसरी बार है जब नए नवेले एयर इंडिया वन विमान से पीएम मोदी ने यात्रा की है. इससे पहले वह बांग्लादेश की यात्रा पर गए थे.
बोइंग कंपनी ने तैयार किया है विमान
इन विमानों को बोइंग कंपनी ने खास तौर पर तैयार किया है. इनमें विमानों में वीवीआई की सुरक्षा के मद्देनजर जरूरी बदलाव किए गए हैं. यह विमान बिना रीफ्यूल किए 17 घंटे की उड़ान भर सकते हैं. इन विमानों में दुनिया के सबसे उन्नत तकनीक का बेहद सुरक्षित कम्यूनिकेशन सिस्टम लगा हुआ है. इस कम्युनिकेशन सिस्टम को न हैक किया जा सकता है और न ही रिकॉर्ड किया जा सकता है.
क्या है इस विशेष विमान की खासियत?
इस विमान के अगले हिस्से में EW जैमर लगा है. ये रडार दुश्मन के सिग्नल को पूरी तरह जाम कर सकता है. इसके साथ ही यह इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को जाम कर देता है, जिससे अगर इसके ऊपर मिसाइल फायर की गयी है तो उसे टारगेट नहीं मिल पाता. इस जैमर को मिसाइल की जानकारी देता है. विमान के पिछले हिस्से में लगा मिसाइल अप्रोच सिस्टम, जैसे ही इसके ऊपर कोई मिसाइल फायर होती है, ये फौरन अलर्ट कर देता है. इसके साथ ही ये मिसाइल कितनी दूर है, कितनी स्पीड से आ रही है, और कितनी ऊंचाई पर ही इसकी भी जानकारी देता है.
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मिसाइल हमले को भी करता नाकाम
यह विमान किसी भी तरह के मिलाइल हमले से पूरी तरह सुरक्षित है. इस विमान में हीट सिंक मिसाइलों से बचाव के लिए इसमें फ्लेयर्स लगे हैं. जैसा कि नाम से ही जाहिर है, ये ऐसी मिसाइलें होती हैं जो गर्मी की ओर आकर्षित होती हैं, इन फ्लेयर्स से इतनी गर्मी निकलती है जिससे मिसाइल की दिशा भ्रमित की जा सकती है. इसके अलावा इसमें एक मिरर बॉल सिस्टम भी लगा है, इसका काम है इंफ्रारेड सिग्नल को जाम करना, क्योंकि आजकल की आधुनिक मिसाइलें इंफ्रा रेड नेविगेशन सिस्टम से चलती हैं, उनके सिग्नल को ये जाम कर देता है, जिससे मिसाइल नाकाम हो जाती है.
किसी से भी, कभी भी करते हैं बात
इस विमान में सबसे आधुनिक और सिक्योर सैटेलाइट कम्यूनिकेशन सिस्टम भी लगा है. इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ना सिर्फ ग्राउंड पर संपर्क में रह सकते हैं बल्कि दुनिया के किसी भी कोने में बातचीत कर सकते हैं. बेहद सुरक्षित होने से उनकी बातचीत को टेप भी नहीं किया जा सकता.
HIGHLIGHTS
- प्रधानमंत्री अब तक जर्मनी के फ्रैंकफर्ट शहर में रुकते थे
- यहां विमान में ईंधन भरने के बाद न्यूयॉर्क होते थे रवाना
- पिछले साल अक्टूबर में भारत को मिले थे वीवीआईपी विमान