प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी गुरुवार को सुबह सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) का नजारा देखा. उन्होंने अपने टि्वटर हैंडल पर इसकी तस्वीरें भी शेयर करते हुए लिखा, "बहुत से भारतीयों की तरह मैं भी सूर्यग्रहण को लेकर उत्सुक था. दुर्भाग्य से बादलों की वजह से मैं सूर्यग्रहण नहीं देख सका लेकिन कोझिकोड में सूर्यग्रहण की झलकें देखीं. विशेषज्ञों के साथ बातचीत कर इस विषय पर मेरा काफी ज्ञानवर्धन हुआ." टि्वटर पर पीएम नरेंद्र मोदी के फोटो शेयर करते ही उस पर प्रतिक्रियाएं आने लगीं. एक यूजर ने लिखा- पीएम मोदी जी, आपकी इन पिक्चरों का मीम (Meme) बनने जा रहा है तो उन्होंने जवाब दिया- आपका स्वागत है...आनंद उठाइए.
Like many Indians, I was enthusiastic about #solareclipse2019.
Unfortunately, I could not see the Sun due to cloud cover but I did catch glimpses of the eclipse in Kozhikode and other parts on live stream. Also enriched my knowledge on the subject by interacting with experts. pic.twitter.com/EI1dcIWRIz
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो तस्वीरें शेयर की हैं, उनमें वे कुछ एक्सपर्ट्स से बात करते दिख रहे हैं. ग्रहण को देखने वाला स्पेशल चश्मा भी वे पहने दिख रहे हैं. हालांकि, दिल्ली में बादलों के चलते सूर्यग्रहण का नजारा नहीं दिख पा रहा था.
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बता दें कि साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) गुरुवार सुबह 8 बजे के बाद लगा. इस दौरान मंदिरों (Temples) के कपाट बंद कर दिए गए. इस साल के आखिरी सूर्यग्रहण को खगोलविदों ने ‘रिंग ऑफ फायर’ का नाम दिया है. रिंग्स ऑफ फायर इसलिए कहा गया है, क्योंकि इसमें सूरज का मध्य भाग ही छाया में रहेगा, जबकि बाहर का क्षेत्र प्रकाशित रहता है.
इससे पहले इस साल दो बार सूर्यग्रहण लग चुका है. पहला सूर्यग्रहण 6 जनवरी और दूसरा 2 जुलाई को लगा था, जो आंशिक था. इस बार का सूर्यग्रहण धनु राशि और मूल नक्षत्र में होगा. सूर्य के साथ इस बार केतु, बृहस्पति और चंद्रमा आदि ग्रह भी हैं, जिससे ज्योतिषी कल्याणकारी बता रहे हैं.
इस बार का सूर्यग्रहण राजधानी दिल्ली और उत्तर भारत में नहीं दिखेगा. हालांकि दक्षिण भारत में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखेगा. सूर्य ग्रहण देखने के लिए दिल्ली के नेहरू तारामंडल में खास इंतजाम किए गए हैं और बड़ी-बड़ी दूरबीनें लगाई गई हैं.
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इस बार सूर्यग्रहण का सूतक बुधबार रात से ही शुरू हो गया था. सूर्य ग्रहण के दौरान कोई शुभ काम नहीं किए जाते हैं. 144 साल बाद एक ऐसा संयोग बना है जिसमें अमावस्या और गुरुवार एक ही दिन पड़ रहे हैं. वहीं चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि परिवर्तन करेगा, जिससे इस महीने सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र बदलेगा.
Source : News Nation Bureau